मुज़फ़्फ़रपुर : एम्स के रंग में रंगा एसकेएमसीएच
व्यंग / मनोज सौन्दर्य ! किसे नापसंद है। औरत – मर्द ! मंदिर – मस्जिद ! अस्पताल या दफ्तर ! सभी इसके लामबंद है । तभी तो सब लगे हैं। जोर – शोर से ! बदलाव की होड़ में ! कम या ज्यादा ! सजाव सभी को पसंद है। यह प्रकृति का नियम भी है।