केरल के 2 टीनएजर्स की नॉर्दर्न आयरलैंड में मौ’त:दोस्तों के साथ छुट्टियां मनाने गए थे, झील में डूबने से गई जा’न

ब्रिटेन के नॉर्दर्न आयरलैंड की एक झील में डूबने से दो भारतीय लड़कों की मौत हो गई। जोसेफ सेबेस्टियन और रूवेन साइमन केरल के रहने वाले थे। दोनों अपने 4 दोस्तों के साथ छुट्टियां मनाने लंदनडेरी शहर की ‘एनघ लॉफ’ झील गए थे। दोनों 16 साल के थे। हादसा 30 अगस्त को हुआ। नॉर्दर्न आयरलैंड

18 की उम्र में पति ने छोड़ा तो बेटे को भाई की तरह पाला, संघ’र्ष कर 14 साल बाद बनी सब इंस्पेक्टर

THIRUVANANTPURAM : आपने वह कहावत तो सुनी ही होगी कि अगर इंसान में धैर्य हो, तो वह ऊंचे से ऊंचे पहाड़ को भी अपने कदमों में झुका सकता है। लेकिन धैर्य को परिभाषित करने के लिए सिर्फ़ कुछ पंक्तियाँ ही काफ़ी नहीं होती है, क्योंकि हर किसी में सब्र रखने की काबिलियत नहीं होती है। हालांकि

पड़ोस में ही प्रेमी के घर में 10 सालों तक छ‍ि’प कर रही प्रेमिका, घरवालों को भी नहीं लगने दी भ’नक

THIRUVANANTPURAM : प्यार और जंग में सब जायज है… आपने यह कहावत तो कई बार सुनी होगी, लेकिन क्या कभी असल ज़िन्दगी में इस कहावत को सच होते देखा है। अगर नहीं, तो हम आपको जिस शख़्स के बारे में बताने जा रहे हैं, उसकी मोहब्बत का किस्सा जानने के बाद आप भी सिर पकड़

केंद्र व राज्य सरकार के खो’खले दा’वों की खुली पो’ल, वै’श्विक महामा’री के बीच गरीब श्रमि’कों से वसू’ले जा रहे रेल कि’राये की पैसे

MUZAFFARPUR (ARUN KUMAR) : बिहार में कोरोना वाय’रस ने 32 जिलों में अपना पैर प’सार लिया है, जिसमें से अब तक चार मरी’जों की मौ’त हो चुकी है और इस बीच अबतक 135 व्यक्ति इस जानलेवा बीमारी से अपनी जिं’दगी की जं’ग जीत कर स्व’स्थ हो चुके हैं और अपने घर लौ’ट चुके हैं. आज

लॉकडाउन : शराब नहीं मिलने पर दिहाड़ी मजदूर ने की आत्मह’त्या

देश भर लगे लॉकडाउन की वजह से जरूरी चीजों की सेवाओं के अलावा बाकी सबकुछ ठ’प है। इस बीच केरल के एक दिहाड़ी मजदूर ने शराब नहीं मिलने से परेशान होकर आत्मह’त्या कर ली है। उसकी उम्र 38 वर्ष बताई जा रही है। थ्रिसुर का रहने वाले सनोज को शराब की लत थी। शराब नहीं

#KERALA : सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश संबंधी फैसला अंतिम नही – सुप्रीम कोर्ट

#NEW_DELHI : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि केरल के सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने संबंधी 2018 का फैसला अंतिम नहीं है क्योंकि इस मामले को वृहद पीठ को सौंप दिया गया है। शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब भगवान अयप्पा की एक