अंतरजातीय विवाह करने पर बहू को घर से निकाला, अब किया स्वागत….

झारखंड : अंतरजातीय विवाह करने के बाद जिस बहू और उसके पति को गांव के लोगों ने दुत्कार दिया था, उसके स्वागत में तीन साल बाद पलक-पांवड़े बिछाए खड़े मिले। बहू ने एसएसबी जीडी में कामयाबी हासिल कर खुद को साबित किया, जिससे उसकी ससुराल के लोगों का नजरिया बदल गया। गया की सुगम गुप्ता और नवादा के गोविंदपुर के दीपक कुमार गया में एक ही कॉलेज में पढ़ते थे।

दोनों में प्रेम हो गया। 2018 में परिवार की रजामंदी के बगैर अंतरजातीय प्रेम विवाह कर लिया। पर न तो सुगम के माता-पिता ने अपनाया और न ही दीपक के मां-बाप ने घर में रहने की इजाजत दी। दीपक सुगम के साथ अपने गांव देल्हुया आ गया, लेकिन घरवालों के साथ-साथ गांववाले भी ताने मारने लगे और शादी की दूसरी रात ही दोनों को घर छोड़ना पड़ा। 

जब नौकरी लगी तो अपनाया
घर से निकलने के बाद दीपक और सुगम ने गांव से कुछ किमी दूर गोविंदपुर बाजार में किराए पर कमरे लेकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग खोल दिया। दीपक छोटे बच्चों को पढ़ाने लगा। बताया जाता है कि सुगम पढ़ाई में दीपक से बेहतर थी। लिहाजा बच्चों को पढ़ाने के साथ साथ खुद भी तैयारी करने लगी। इसी बीच 2021 में सुगम की एसएसबी में नौकरी लग गई।

अन्य लड़कियों के लिए प्रेरणा बनी
सुगम गुप्ता गांव की एकमात्र महिला हैं जो नौकरी में है। उनसे गांव की बेटियां प्रेरणा ले रही हैं और नौकरी की तैयारी में जुट गई हैं। सुगम बताती हैं कि मैं भारत और नेपाल की सीमा पर तैनात हूं। अपने पति का घर लौटकर मुझे काफी खुशी हुई है। गोविंदपुर पहुंचते ही पूर्व उप प्रमुख रेखा देवी के अलावे कई गणमान्य व्यक्तियों ने स्वागत किया।