कोरोना वायरस महामारी के दौर में कई नौकरियों में वर्क फ्रॉम होम लागू हुआ है। साथ ही लोगों के काम करने की आदतों में भारी बदलाव देखने को मिला है।
इसके चलते देश के कई कार्यालयों में ‘हाइब्रिड’ मॉडल तैयार हुआ है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस और एचसीएल जैसी कंपनियां कर्मचारियों को दूरस्थ स्थानों से काम करने के लिए प्रेरित भी कर रही हैं। फिर भी मौजूदा समय में सिस्टम और वर्कप्लेस की बीच संतुलन की कोशिशें जारी हैं।
हालांकि, ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन का मानना है कि घर से काम करना कर्मचारियों का ध्यान भंग कर सकता है। जॉनसन ने कहा, “घर से काम करने का मेरा अनुभव यह है कि आप एक और कप कॉफी बनाने में बहुत समय बिताते हैं। आप उठते हैं, बहुत धीरे-धीरे फ्रिज तक चलते हैं, पनीर का एक छोटा सा टुकड़ा लेते हैं और फिर बहुत धीरे-धीरे अपने लैपटॉप के पास वापस आते हैं। इस बीच यह भूल जाते हैं कि आप क्या कर रहे हैं।”
‘ऑफिस आने की आदत फिर से डालने की जरूरत’
बोरिस जॉनसन ने कहा, “हमें ऑफिस आने की आदत फिर से डालने की जरूरत है। बहुत सारे लोग होंगे जो मुझसे असहमत होंगे, लेकिन मेरा मानना है कि जब लोग दूसरे लोगों से घिरे होते हैं तो लोग अधिक उत्पादक, अधिक ऊर्जावान, अधिक विचारों से भरे होते हैं।”
ट्विटर ने परमानेंट वर्क फ्रॉम होम का दिया ऑफर
एक तरफ जहां ब्रिटिश पीएम को लगता है कि घर से काम करना काफी विचलित करने वाला हो सकता है, वहीं, सोशल मीडिया दिग्गज ट्विटर ने इस साल की शुरुआत में अपने कर्मचारियों को “हमेशा के लिए” घर से काम करने का विकल्प दिया था। मालूम हो कि यह घोषणा एलन मस्क के कंपनी को टेकओवर करने से पहले हुई थी। अब देखना होगा कि यह पॉलिसी आगे भी जारी रहती है या नहीं।