सीवान में ‘काला आलू’ बना चर्चा का विषय, फसल देखकर खुश हुए किसान

सीवान: बिहार के सीवान में कला आलू चर्चा का विषय बना हुआ हैगोरिया कोठी प्रखंड में इस आलू की खेती कर लाखों रुपए कमाने वाले किसान सुरेश प्रसाद ने बताया कि किसान हर तरह के बीज लाकर नई-नई तरह के फसलों को उगाकर मोटी कमाई कर रही है. उसी तरह देश विदेश के समान अपने देश में में भी काला आलू की खेती की गई. जिसके फसल तैयार होने के बाद पूरे गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है.

ब्लैक आलू की खेती

शहर के गांवों में काले आलू की खेती गोरिया कोठी प्रखंड के किसानों ने कर दिखाया है. किसानों के अनुसार जैसे ही आलू की फसल तैयार होकर उसके फसल को उखाड़कर घर में लाया गया. तब उसके बाद किसान काफी खुश हुए. बताया जाता है कि यह कोई साधारण आलू नहीं है. यह ब्लैक आलू बिल्कुल देखने में आलू के ही तरह ही होते हैं. सिर्फ उस आलू का रंग ब्लैक कलर का है. जानकारी के मुताबिक यह आलू खाने में टेस्टी होता है. जहां साधारण आलू 8 रुपये केजी है. वहीं इस आलू का रेट 50 से 60 रुपये किलो है.

किसानों की लागत

ब्लैक आलू की खेती करने वाले किसान सुरेश प्रसाद ने बताया कि 2 कठ्ठा में अमेरिकी ब्लैक पोटैटो की बुआई की थी. जिसमें बीज खरीदने में एक हजार रुपया लगा था. जिसकी खेती साधारण आलू से काफी महंगी होती है. अभी तक बिहार में ब्लैक आलू की खेती नही की जाती है. इसलिए स्पेशल अमेरिकी बीज मंगवाकर कर खेती की है. वहीं लागत से दस गुना इससे मुनाफा भी हुआ है.

आलू की फसल तैयार

किसान सुरेश प्रसाद के अनुसार ब्लैक पोटैटो की खेती 2 क्विंटल की हुई थी. जिसमें कुल 120 दिन का समय लग गया. वहीं 12 क्विंटल ब्लैक आलू की फसल तैयार होने के बाद साधारण आलू में मुकाबले 8 गुना ज्यादा रेट पर बेच रहे है. सभी लोग आसानी से बेच रहे हैं. वहीं अगर साधारण आलू, (सफेद और लाल आलू) की खेती दो कठ्ठा में बोआई की जाती है. तब कुल खर्च 600 रुपये आता है. बुआई के 80 दिन के बाद 6 क्विंटल की फसल तैयार मिलती है.

लाखों की हुई कमाई

किसानों का कहना है कि लाल और सफेद आलू के मुकाबले इसमें समय ज्यादा लगता है. उसके बाद 10 गुना ज्यादा फसल पायी जाती है. जिससे अच्छी खासी कमाई भी हो जाती है.