बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड के पूर्ण स्वामित्व वाले बरौनी थर्मल पावर प्रतिष्ठान की 110 मेगावाट की दो इकाई, 250 मेगावट की दो इकाई, मुजफ्फरपुर के कांटी बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड की 110 मेगावाट की दो इकाई एवं 195 मेगावाट की दो इकाई तथा औरंगाबाद में एनटीपीसी के साथ संयुक्त रूप से बने नवीनगर पावर जेनरेटिंग कंपनी की 360 मेगावाट की तीन इकाई को राज्य सरकार ने विधिवत एनटीपीसी को सौंप दिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह व बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव की मौजूदगी में मुख्यमंत्री कार्यालय में इस बाबत मंगलवार को सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ। मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, बिजली कंपनी के सीएमडी प्रत्यय अमृत तथा एनटीपीसी के सीएमडी गुरदीप सिंह भी इस मौके पर मौजूद थे। एमओयू पर हस्ताक्षर बिजली कंपनी की ओर से आर लक्ष्मणन तथा एनटीपीसी की ओर से निदेशक (वाणिज्य) एके गुप्ता ने किया।
लीज नीति के तहत दी गई एनटीपीसी को
एमओयू पर हस्ताक्षर के बाद बिजली कंपनी के सीएमडी प्रत्यय अमृत तथा एनटीपी के निदेशक गुरदीप ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में इस करार के बारे में विस्तार से जानकारी दी। यह करार तीस वर्षों के लिए है जो बिहार सरकार की लीज नीति के तहत है। एनटीपीसी को बिजली कंपनी सौैंपे जाने के बाद बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड के इंजीनियर व कर्मियों की सेवा बिजली कंपनी की संचरण व वितरण क्षेत्र के लिए ले ली जाएगी। सीएमडी ने कहा कि जेनरेशन कंपनी बंद नहीं होगी। अब हाइडल और सोलर ऊर्जा उत्पादन इकाईयों पर केंद्रित होगी जेनरेशन कंपनी।
प्रति वर्ष 875.06 करोड़ की होगी बचत
श्री अमृत ने बताया कि 17 अप्रैल को कैबिनेट के निर्णय के तहत हुए इस करार से राज्य सरकार को प्रतिवर्ष 875.06 करोड़ रुपए का लाभ होगा। बरौनी थर्मल पावर के स्टेज-1 और स्टेज-2 के अनुमानित टैरिफ में कमी आएगी। अभी आकलन 5.32 रुपए और 6.30 रुपए प्रति यूनिट का है जो घटकर क्रमश: 5.11 रुपए तथा 4.37 रुपए हो जाएगा। यहां से 684.07 करोड़ रुपए की बचत होगी।
वहीं कांटी के स्टेज-1 और स्टेज-2 की बिजली की दर का आकलन प्रति यूनिट 4.86 रुपए व 6.36 रुपए है जो घटकर 4.79 रुपए व 6.13 रुपए प्रति यूनिट हो जाएगा। इससे प्रतिवर्ष 54.69 करोड़ की बचत होगी। नवीनगर बिजली उत्पादन इकाई सौैंपे जाने से 136.39 करोड़ की बचत होगी।