प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए #CBSE का नया प्लान, जानें..

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की प्रायोगिक परीक्षा के दौरान फोटो से परीक्षार्थियों का मिलान किया जायेगा। इस बार बोर्ड ने सभी केंद्रों पर एलओसी (लिस्ट ऑफ कैंडिडेंट्स) में फोटोग्राफ दिया है। इस फोटो से उन छात्रों के चेहरे का मिलान एक्सटर्नल द्वारा किया जायेगा, जो परीक्षा में शामिल होंगे। साथ ही इसका वीडियो बनाकर भी बोर्ड को भेजा जायेगा। अगर फोटो में अंतर पाया गया तो ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई की जायेगी। ज्ञात हो कि सीबीएसई की प्रायोगिक परीक्षा एक जनवरी से सात फरवरी 2020 तक की जाएगी। हर स्कूल को शिड्यूल तैयार कर बोर्ड को भेजना है। इनमें इंटर्नल और एक्सटर्नल की सूची भी बोर्ड को भेजनी है।

एक बैच में 20 विद्यार्थियों से अधिक को नहीं रखना है। एक दिन में दो या तीन बैच की प्रायोगिक परीक्षा ली जानी है। सीबीएसई की मानें तो इस परीक्षा में अभी तक केवल रौल नंबर ही भेजा जाता था। रौल नंबर के आधार पर परीक्षा होती थी, लेकिन पहली बार फोटो भी रहेगा।इस बार स्कूलों के प्राचार्य को आर्ब्जवर के तौर पर नियुक्त किया जायेगा। आर्ब्जवर को हर दिन की प्रायोगिक परीक्षा की रिपोर्ट बोर्ड को भेजनी है। यह गोपनीय रिपोर्ट होगी। स्कूल में लैब का क्या हाल है, इसकी जानकारी एक्सटर्नल के अलावा आर्ब्जवर से भी ली जायेगी।

अभी तक प्रायोगिक परीक्षा केवल एक महीने तक होता था। एक महीने के अंदर सभी स्कूलों को 12वीं की प्रायोगिक परीक्षा और 10वीं की इंटर्नल परीक्षा लेनी होती थी, लेकिन इस बार बोर्ड सात दिन से अधिक का समय स्कूलों को प्रायोगिक परीक्षा के लिए दे रहा है। पहली बार स्कूलों को भरपूर समय दिया जा रहा है, जिससे सही तरीके से प्रायोगिक परीक्षा ली जा सके। सिटी कोऑर्डिनेटर राजीव रंजन ने बताया कि एक महीने कम पड़ रहा था। इससे गलत तरीके से जैसे-तैसे प्रायोगिक परीक्षा ली जाती थी। संयम भारद्वाज (परीक्षा नियंत्रक, सीबीएसई) ने कहा- सभी परीक्षा केंद्रों पर एलओसी भेजी जायेगी। इसमें परीक्षार्थियों का फोटोग्राफ रहेगा। फोटो से मिलान करवाया जायेगा। इससे गलत छात्र पकड़े जा सकेंगे। फ्लाइंग छात्र परीक्षा देने की कोशिश करेंगे तो उन्हें पकड़ा जा सकेगा।