तीर्थहल्ली ताल्लुका में स्थित नल्लूर गांव के किसान श्रीकांत गौड़ा ने इस बारे में बताया कि इससे पहले उन्होंने बाघ जैसे सॉफ्ट ट्वॉयज़ का भी इस्तेमाल किया था। लेकिन उसका कोई असर नहीं पड़ा। उन्होंने बताया कि गोवा से उन्होंने बाघ की तरह लगने वाले खिलौने मंगाए थे। लेकिन कुछ दिनों बाद उनका कलर हल्का पड़ने लगा। इसके बाद बंदर फिर से फसलों को नुकसान पहुंचाने के लिए आने लगे। इसके बाद आखिर में मैंने अपनी बुलबुल (कुत्ता) को हेयर डाई से बाघ की तरह रंग दिया।