कांग्रेस में अंतर्कलह का दौर अभी थमा नहीं है। ट्वीट का सिलसिला अभी भी जारी है। पार्टी नेताओं के ट्वीट से मनभेद व मतभेद साफ झलकते हैं। इसी बीच मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने चिठ्ठी वि’वाद पर पहली बार चु्प्पी तो’ड़ी है।
उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर कहा है कि भाजपा का सामना करने के लिए देश को एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है। उन्होंने ये भी कहा कि सुक्षाव देने का मतलब पार्टी से मतभेद नहीं।
बता दें कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने आनंद शर्मा पर पत्र लिखने का आ’रोप लगाया था और खेद व्यक्त किया था कि गुलाम नबी आजाद, मुकुल वासनिक और आनंद शर्मा जैसे वरिष्ठ नेता उस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले लोगों में शामिल थे।
कांग्रेस कार्यसमिति में सर्वसम्मत से निर्णय लिया गया था कि सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के पद पर बनी रहेंगी। अध्यक्ष पद के लिए चुनाव अगले चार पांच महीने में होगें। वहीं, बैठक में यह भी तय किया गया कि अब कांग्रेस का सदस्यता अभियान भी शुरू किया जाना चाहिए। इससे पहले बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने पत्र को दुर्भाग्यपूर्ण बताया जबकि एके एंटनी ने पत्र को क्रू’र कहा।
input : अमर उजाला