मनीष कश्यप की बेतिया कोर्ट में आज पेशी, तीन महीने से चेन्नई जेल में है बंद; बिहार लाने पर संशय बरकरार

बेतिया : तमिलनाडु में बिहारी श्रमिकों पर हमले का झूठा वीडियो शेयर करने के मामले में यूट्यूबर मनीष कश्यप करीब तीन महीने से चेन्नई के मदुरई जेल में बंद है। 29 मार्च को तमिलनाडु पुलिस उसे अपने साथ लेकर गई थी। इस बीच बेतिया कोर्ट ने यूट्यूबर मनीष कश्यप को 26 जून को पेशी का आदेश दिया है। हालांकि, मनीष कश्यप को बिहार लाने पर संशय बरकरार है। जानकारी के मुताबिक, भारतीय स्टेट बैंक पारस पकड़ी के शाखा प्रबंधक के साथ दुर्व्यवहार करने एवं सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में दर्ज मझौलिया थाना कांड संख्या 193/2021 में त्रिपुरारी कुमार तिवारी उर्फ मनीष कश्यप नामजद अभियुक्त है।

इसी मामले में न्यायालय ने पेशी का आदेश जारी किया है। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने यह आदेश दिए हैं। बीते 30 मई को सेंट्रल कारा मदुरई के अधीक्षक द्वारा इस मामले में मनीष कश्यप को बेतिया न्यायालय में उपास्थापन के लिए एक अन्य तिथि देने का अनुरोध किया था।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नहीं होगी पेशी

इसके बाद 12 जून को सेंट्रल कारा मदुरई के अधीक्षक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यूट्यूबर मनीष कश्यप को बेतिया न्यायालय ने पेश कराने का अनुरोध किया था, जिससे कोर्ट ने इनकार कर दिया है। न्यायालय ने अधीक्षक को हर हाल में आगामी 26 जून को सेंट्रल कारा मदुरई से बेतिया न्यायालय में मनीष कश्यप के उपास्थापन का आदेश दिया है।

18 मार्च को यूट्यूबर ने किया था को सरेंडर

बता दें कि 17 मार्च 2023 को मझौलिया पुलिस ने इस केस में न्यायालय से कुर्की जब्ती आदेश प्राप्त किया था। कुर्की करने के लिए पुलिस पहुंची भी थी। बीते 18 मार्च को मनीष कश्यप ने जगदीशपुर थाना में आत्मसमर्पण कर दिया था, क्‍योंकि तमिलनाडु के मामले में बिहार आर्थिक अपराध ईकाई की पुलिस जांच कर रही थी।

बिहार आर्थिक अपराध ईकाई की पुलिस मनीष कश्यप को लेकर पटना चली गई। 20 मार्च 2023 को मनीष कश्यप के अधिवक्ता राजेश मिश्रा ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में आवेदन देकर मझौलिया थाना कांड संख्या 193/2021 में रिमांड कराने का अनुरोध किया था। अधिवक्ता के लिखित अनुरोध को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने बेउर जेल पटना के अधीक्षक को उपास्थापन अधिपत्र निर्गत कर मनीष कश्यप को बेतिया न्यायालय में उपास्थापन कराने का आदेश दिया था। हालांकि, कुछ कारणों से मनीष कश्यप का बेतिया न्यायालय में उपस्थापन नहीं हो सका था। बाद में मनीष को अन्य मामले में मदुरई जेल भेज दिया गया।

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