इस बिटिया की PM मोदी ने की तारीफ, पापा के बचाए पैसे… देश भर में कमाया नाम

बेगूसराय: पढ़ाई न करनी पड़े इसके लिए बच्चे कई बहाने बनाते हैं, लेकिन बेगुसराय की एक बच्ची ने पढ़ाई के लिए समय निकले, इसलिए एक आविष्कार कर डाला. यही नहीं, उसका आविष्कार पीएम मोदी को भी पसंद आया और उन्होंने उसकी लगन को सराहा. अब इस बिटिया की चर्चा हर ओर हो रही है. दरअसल, कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन में स्कूल तो खुले, लेकिन वाहन नहीं चलने से 10 वर्षीय अतुत्लया को साइकिल से स्कूल जाना पड़ता था. इस वजह से सेल्फ स्टडी का समय उसे नहीं मिल पा रहा था. ऐसे में अतुल्या ने अपनी साइकिल को ई-साइकिल बना दिया.

अतुल्या के इस प्रोजेक्ट की नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम-2023 के दौरान अवलोकन करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने सराहना की. यही नहीं, अतुल्या द्वारा निर्मित इस ई-साइकिल प्रोजेक्ट को शिक्षा समागम-2023 का सबसे बेहतरीन प्रोजेक्ट का दर्जा प्राप्त हुआ है.

सेल्फ स्टडी के लिए नहीं मिला टाइम तो बना डाला ई-साइकिल
बेगूसराय सदर प्रखंड के सूजा पंचायत की रहने वाली अतुल्या भारती ने बताया कि लॉकडाउन के बाद जब स्कूल खुला तो साइकिल से आना-आना करना पड़ रहा था. ऐसे में सेल्फ स्टडी के लिए टाइम ही नहीं मिल पा रहा था. इसके बाद स्कूल के अटल टिंकरिंग लैब गई तो ई-साइकिल का आइडिया आया. जिसके बाद पापा से इस आइडिया को शेयर किया तो पापा को भी पसंद आया. जिसके बाद 5 हजार में एक साइकिल खरीद ली. कुल हजार लागत लगाकर इसे ई-साइकिल बना लिया. ई-साइकिल को बैटरी, मोटर और डायनेमो की मदद से बनाया है.

प्रगति मैदान में आयोजित प्रदर्शनी में हुई शामिल
अतुल्या ने बताया कि स्कूल के अटल टिंकरिंग लैब के इंचार्ज मृत्युंजय कुमार के कहने पर उनके साथ दिल्ली के प्रगति मैदान में ई-साइकिल की प्रदर्शनी में शामिल हुई. जहां देश के अलग-अलग राज्यों से प्रतिभागी अपने मॉडल को लेकर पहुंचे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आए थे. उन्होंने इसे तैयार करने के बारे में पूछा तो बता दिया. इसके बाद उन्होंने भी प्रशंसा की. इस ई-साइकिल को बेहतरीन प्रोजेक्ट का दर्जा मिला. इस उपलब्धि पर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के पूर्व वैज्ञानिक आरएन सिंह ने ई-साइकिल के बारे में जानकारी शेयर की की थी.

हर माह तीन हजार की हो रही है बचत
अतुल्या के पिता रुपेश कुमार ने बताया घर से स्कूल जाने में वाहन खर्च 3 हजार महीने देना पड़ रहा था. अतुल्या के इस प्रयोग के बाद हर माह तीन हजार की बचत हो रही है. साथ में स्कूल आने-जाने में जो वक्त लगता था, वह भी कम हो गया. लॉकडाउन के बाद से अब तक अतुल्या इसी ई-साइकिल से स्कूल जा रही है. वहीं, मां शशि कला देवी ने बताया कि काफी खुशी है कि उनकी बेटी को पीएम मोदी ने भी सराहा है.

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