छठी से 12वीं तक का हर वीक होगा टेस्ट, स्नातक द्वितीय वर्ष का परिणाम जारी; 5121 का रिजल्ट पेंडिंग क्यों?

बिहार: सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले छठी से 12वीं तक के विद्यार्थियों को अब प्रत्येक सप्ताह टेस्ट देना होगा। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से इसको लेकर पहल की गई है। परिषद की ओर से कहा गया है कि लगातार हो रहे निरीक्षण से विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है। अब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराना है। ऐसे में प्रत्येक सप्ताह विद्यार्थियों का मूल्यांकन होगा।

छठी से आठवीं के विद्यार्थियों के लिए अधिकतम 10 अंक और नौंवी से बारहवीं के लिए अधिकतम 20 अंकों के प्रश्न मूल्यांकन में पूछे जाएंगे। प्रश्नों के चयन का जिम्मा शिक्षकों को सौंपा गया है। उन्हें कहा गया है कि एक सप्ताह तक वे कक्षा में जिन अध्यायों का अध्यापन करेंगे, मूल्यांकन में उन्हीं पाठ से प्रश्न पूछेंगे। इसके लिए विद्यार्थियों को ब्लैकबोर्ड पर ही प्रश्न लिखकर दिया जाएगा। विद्यार्थी अपनी कॉपी में इसका उत्तर देंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित रूप से मूल्यांकन होने से विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे।

स्नातक द्वितीय वर्ष का परिणाम जारी

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से स्नातक सत्र 2020-23 के द्वितीय वर्ष का परीक्षा परिणाम जारी कर दिया गया है। छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर रोल नंबर डाल कर परिणाम देख सकते हैं। इस परीक्षा में 97 हजार 21 विद्यार्थी शामिल हुए थे।

इसमें 77,356 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। वहीं, 11,792 छात्र-छात्राएं प्रमोटेड हुए हैं। 1973 विद्यार्थी फेल और 5121 विद्यार्थियों का परिणाम रुका हुआ है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. टीके डे ने बताया कि कॉलेजों की ओर से प्रायोगिक परीक्षा के अंक नहीं भेजे गए हैं। इस कारण पांच हजार से अधिक छात्र- छात्राओं का परिणाम पेंडिंग है। कॉलेजों की ओर से अंक भेजे जाने के बाद पेंडिंग का ग्राफ एक हजार से भी नीचे चला जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए विद्यार्थियों को कहीं भी भटकने की जरूरत नहीं है।

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