बिहार में बस से सफ़र करना होगा महंगा, यात्रियों को देने होंगे 10 से 20 प्रतिशत अधिक किराया, इन रुटों पर होगी बढ़ोतरी

बिहार में बस यात्रियों को जल्द ही अधिक किराया देना पड़ सकता है। पटना से पूर्णिया, अररिया, भागलपुर, बेतिया, रक्सौल, बेलिया, जोगबनी, सासाराम सहित राज्य के 200-250 किमी दूरी वाले जिलों में बस यात्रा महंगी हो सकती है। बस मालिकों द्वारा किराए में 10 से 20% तक वृद्धि करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही राज्य सरकार को सौंपा जाएगा। यदि सरकार इस प्रस्ताव को स्वीकार करती है, तो सार्वजनिक परिवहन के किराए में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है।

बस परिचालकों ने बढ़ती लागत को बताया वजह

बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अनुसार, बसों की कीमत, पार्ट्स, टायर और डीजल के दामों में वृद्धि को देखते हुए किराया बढ़ाने का फैसला लिया गया है। राज्य में सरकारी बसों का किराया पिछले कई वर्षों से नहीं बढ़ाया गया है।

होली के बाद सरकार को सौंपा जाएगा प्रस्ताव

बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के पटना जिला अध्यक्ष चंदन सिंह ने बताया कि 2020 में आखिरी बार 10% किराए में बढ़ोतरी हुई थी, जबकि 2021 में परिवहन विभाग ने लग्जरी बसों का किराया 2.50 रुपये प्रति किमी, एसी बस का 2 रुपये प्रति किमी और सेमी-डीलक्स का 1.65 रुपये प्रति किमी तय किया था। हालांकि, उस समय बस मालिकों ने किराया नहीं बढ़ाया था। अब मार्च के अंतिम सप्ताह तक सरकार को किराया बढ़ाने का प्रस्ताव सौंपा जाएगा।

छोटी दूरी की बसों पर नहीं पड़ेगा असर

नई किराया वृद्धि का असर केवल 200 किमी से अधिक दूरी वाली बसों पर होगा। 200 किमी से कम दूरी की बसों के किराए में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

बिहार में 35,000 से अधिक बसें कर रही संचालन

बिहार में हर दिन 1 लाख से अधिक यात्री बसों से सफर करते हैं। राज्य में 35,000 से अधिक प्राइवेट स्टेट बसों का संचालन होता है। यदि किराया बढ़ा तो यह 25,000 से अधिक बसों पर लागू होगा। इसके अलावा, परिवहन निगम भी पीपीपी मोड पर 1,500 से अधिक बसों का संचालन कर रहा है।

बढ़ते किराए पर जल्द होगा निर्णय

मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अध्यक्ष उदयशंकर सिंह ने बताया कि होली के बाद मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, परिवहन विभाग और परिवहन निगम को प्रस्ताव सौंपा जाएगा। सरकार से मांग की गई है कि सरकारी और प्राइवेट दोनों बसों के किराए में 10-20% वृद्धि की जाए।

 

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