बेरोजगारी बनी समस्या:अप्रैल में बेरोजगारी दर 7.83% पर पहुंची, शहरों में गांवों से ज्यादा हालत खराब

देश में बेरोजगारी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। अप्रैल महीने में देश की बेरोजगारी दर बढ़कर 7.83% पर पहुंच गई। इससे पहले मार्च में ये 7.60% पर थी। CMIE के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2022 में शहरी बेरोजगारी की दर 9.22% और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह 7.18% रही है।

मई में बेरोजगारी दर 11.84% पर पहुंच गई थी
CMIE के मुताबिक 2021 में मई में बेरोजगारी दर 11.84% पर पहुंच गई थी। हालांकि इसके बाद इसमें गिरावट देखने को मिली और ये जनवरी 2022 में 6.57% पर आई थी, लेकिन फरवरी में ये फिर 8.10% पर पहुंच गई थी जो अब 7.83% पर है।

इकोनॉमी की हेल्थ को दर्शाती है बेरोजगारी दर
CMIE के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था की सेहत को बेरोजगारी दर सही तरह से दर्शाती है, क्योंकि यह देश की कुल जनसंख्या में कितने बेरोजगार हैं, इसको बताती है। थिंक टैंक को उम्मीद है कि रबी फसल की बुआई की शुरुआत में तेजी देखने को मिल सकती है। इसका मतलब है कि चालू वित्त वर्ष में एग्री सेक्टर एक बार फिर शानदार प्रदर्शन करेगा। इससे प्रवासी मजदूर खेतों की ओर वापसी करेंगे।

सबसे कम बेरोजगारी हिमाचल प्रदेश में और सबसे ज्यादा हरियाणा में
रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा बेरोजगारी हरियाणा और राजस्थान में दर्ज की गई है। हरियाणा में यह 34.5% और राजस्थान में 28.8% है। जबकि हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और असम में सबसे कम बेरोजगारी दर देखी गई जो क्रमशः 0.2%, 0.6% और 1.2% रही थी।

कैसे तय होती है बेरोजगारी दर?
अप्रैल में बेरोजगारी दर 7.83% रहने का मतलब यह है कि काम करने को तैयार हर 1000 वर्कर में से 78 को काम नहीं मिल पाया। CMIE हर महीने 15 से अधिक उम्र के लोगों का घर-घर जाकर सर्वे करता है और उनसे रोजगार की स्थिति की जानकारी लेता है। इसके बाद जो परिणाम मिलते हैं उनसे रिपोर्ट तैयार की जाती है।

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