बेतिया: म’र चुके परिजन और विवाहित बेटियां हर महीने खा रही हैं 2,19,175 किलो राशन

बेतिया जिले में हर माह राशन कार्डधारियों के मृत परिजन व विवाहित बेटियों ने 2,19,175 किलो राशन खा लिए। इसका खुलासा सरकार के आदेश पर जिले में चलाए जा रहे मृत व्यक्ति व पलायन किए लोगों के नाम काटने के अभियान के दौरान हुआ है। इस अभियान में राशन कार्ड में दर्ज मृत, पलायन कर चुके व्यक्ति और विवाहित बेटियों के नाम राशन कार्ड से हटाये जा रहे हैं।

अभियान के तहत तीनों अनुमंडल क्षेत्रों से जांच रिपोर्ट के आधार पर 43 हजार 835 पुरुष-महिलाओं के नाम काटे जा चुके हैं। नाम हटाए जाने के पहले तक लाभुक मृत परिजन व विवाहित बेटियों के नाम पर राशन का उठाव कर रहे थे। जिला आपूर्ति पदाधिकारी सह एडीएम अनिल राय ने बताया कि ऐसे नामों के बदले उठने वाले राशन का उपयोग उनके परिजन ही कर रहे थे।

नियमानुकूल उन्हे खुद मृत परिजनों, पलायन करने वाले परिजनों और विवाहित बेटियों के नाम राशन कार्ड से हटवा लेने चाहिए थे। प्रत्येक महीने एक व्यक्ति के नाम पर पांच किलो राशन का उठाव होता है। काटे गए नाम को देखें तो प्रत्येक महीने 2,19,175 किलो अनाज गलत तरीके से लाभुक उठा रहे थे।

2213 अपात्र परिवार भी उठा रहे थे हर माह 55 हजार किलो गरीबों का निवाला

अभियान के तहत जिला प्रशासन ने अपात्र राशन कार्डधारियों से राशन कार्ड सरेंडर करने की अपील की। इसके साथ ही चेतावनी भी जारी की कि यदि वे खुद राशन कार्ड सरेंडर नहीं करते हैं तो अपात्र पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अपील व चेतावनी दोनों का असर दिखा, जिले के 2213 अपात्र परिवारों ने राशन कार्ड सरेंडर कर दिया। डीएसओ ने इसकी पुष्टि की है। अनुमान के मुताबिक एक परिवार में पांच लोग भी हों तो 25 किलो के हिसाब से 55 हजार 325 किलो गरीब का निवाला ये लोग निगल रहे थे। डीएसओ ने अभी और राशन कार्ड सरेंडर होने का अनुमान जताया है।

पश्चिमी चंपारण के जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने कहा, ‘जिले में अपात्र राशन कार्डधारियों से राशन कार्ड जमा करा देने की अपील की गई है। बहुत राशन कार्ड वापस हुए हैं। साथ ही मृत, पलायन करने वाले व विवाहित बेटियों के नाम भी हटाए जा रहे हैं। अपात्र लोगों के पास अभी भी मौका है, वे अपना राशन कार्ड खुद वापस जमा करा दें। बाद में पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’

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