बेटा आ’तंकवादी, पिता शहीद:श्रीनगर में हुआ मुश्ताक का अंतिम संस्कार

एएसआई मुश्ताक अहमद को मंगलवार को श्रीनगर में आतंकवादियों ने मार डाला। मुश्ताक लाल बाजार चौक में ड्यूटी पर थे। तभी आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। घायल मुश्ताक को हॉस्पिटल ले गए, जहां उनकी मौत हो गई। हमले में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। पुलिस के मुताबिक इस हमले में तीन आतंकवादी शामिल थे।

हमले के जिम्मेदारी दो संगठनों ने ली
पहले द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली थी, अब इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) ने कांस्टेबल मुश्ताक अहमद की हत्या की जिम्मेदारी ली है। हालांकि, आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने इस पर ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं दी है, केवल इतना कहा- शायद यह सच है।इसके अलावा एक और आतंकवादी ब्रांच AMAQ ने हमले का एक वीडियो जारी किया, जो आतंकवादियों द्वारा पहने गए बॉडी कैमरों का उपयोग करके शूट किया गया प्रतीत होता है। यह उन दुर्लभ उदाहरणों में से एक था जब आतंकवादियों ने हमले का वीडियो जारी किया था।

इन्हीं मुश्ताक का बेटा पिछले साल सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। मुश्ताक का बेटा आकिब मुश्ताक एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट था, पुलिस ने उसे आतंकवादी करार दिया था। मुश्ताक का दूसरा बेटा सेना में इंजीनियर है।

सदमे में हैं मुश्ताक की पत्नी
पति की मौत की खबर सुनते ही मुश्ताक अहमद की पत्नी सदमे में थी। वे बोलीं- पिछले साल मैंने कुलगाम में एक मुठभेड़ में एक बेटा खोया और अब मैंने अपना पति खो दिया। मैं अब क्या करूं, मैं भी मरना चाहती हूं। मुश्ताक के भाई फारूक ने दैनिक भास्कर को बताया कि “मेरा भाई क्यों मारा गया, उसका क्या पाप था, वो बहुत ही शांत इंसान था। मैं भी ड्यूटी पर था जब मेरे चाचा ने मुझे फोन किया और कहा कि लाल बाजार हमले में मुश्ताक मारा गया। मैं पूरी तरह से टूट गया हूं क्योंकि पहले उसने कुलगाम में एक मुठभेड़ में एक बेटा खो दिया था। अब फिर से हमारे घर में एक और त्रासदी हुई है। हम उसके बिना नहीं रह सकते हैं।”

श्रीनगर में पुलिस लाइन में मुश्ताक अहमद लोन के पुष्पांजलि समारोह से कुछ मिनट पहले, शोक सभा पूरी तरह से अराजकता में बदल गई। उनके परिवार ने ताबूत को कब्जे में ले लिया। मुश्ताक का शव को देखने के लिए उसका कवर हटा दिया। दुख और हंगामे के बीच पुलिस को इन्हें हटाने और समारोह को पूरा करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

परिवार को नहीं दिया था आकिब का शव
अप्रैल 2020 में आकिब को उनके घर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर एक सुरक्षा अभियान के दौरान मार गिराया था। चार आतंकवादी भागने में सफल रहे, लेकिन तलाशी के दौरान उन्हें आकिब मुश्ताक का शव मिला। जिसे पुलिस ने आतंकियों का सहयोगी बताया था। परिवार को कभी ये विश्वास ही नहीं हो पाया कि उनका बेटा आतंकवादी हो सकता है।

हालांकि परिवार के विरोध के बाद पुलिस ने जांच का वादा किया था लेकिन अभी तक इसके बारे में कोई जानकारी नही दी गई है।मारे गए बाकी आतंकियों की तरह आकिब का शव परिवार को नहीं सौंपा गया था। उसे कुलगाम से 150 किलोमीटर से दूर बारामूला जिले में दफनाया गया था।

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