बिहारः गोपालगंज में भू-मा’फियाओं ने 75 साल पुरानी लाइब्रेरी की करोड़ों की जमीन बेची, जांच के आदेश

गोपालगंज.  गोपालगंज में जमीन माफियाओं ने 75 साल पुरानी पुस्तकालय की करोड़ों की जमीन को बेच दी. इस जमीन पर कभी पुस्तकालय हुआ करती थी, वहां आज आलीशान बिल्डिंग बन गई है.इस खुलासे के बाद प्रशासन महकमे में हड़कंप मचा है. डीएम ने इस पूरे मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया है.

केशव पुस्तकालय की करोड़ों की जमीन बेच दिए जाने की सूचना मिलने पर गोपालगंज से लेकर पटना तक प्रशासनिक महकमा में हड़कंप मच गया. दरअसल, मांझागढ़ थाने के मांझा बाजार में एक आलीशान बिल्डिंग बन रही है. यहां कभी सरकारी पुस्तकालय हुआ करता था. करोड़ों की जमीन को अंचल कार्यालय से मिलकर भू माफियाओं ने बेच डाली है. 3 कट्ठा 15 धुर में फैले ऐतिहासिक केशव पुस्तकालय का नामोनिशान तक मिट गया है. यहां बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बन गई है. 1947 से संचालित केशव पुस्तकालय में पूर्व सीएम अब्दुल गफूर, सांसद रघुनाथ झा समेत कई लोगों ने किताबें दान की थी.

यहां ग्रामीण इलाके से काफी संख्या में छात्र अध्ययन करने आते थे. कोरोना काल के दौरान पुस्तकालय को तोड़कर उसकी जमीन की जमाबंदी करा दी गई और उसके बाद आनन-फानन में लोगों के हाथों बेच दी गई. पुस्तकालय से जुड़े लोगों के मुताबिक, कहा यह भी जाता है कि यहां सुभाष चंद्र बोस भी आए थे.

केशव पुस्तकालय की करोड़ों की जमीन बेच दिए जाने की सूचना मिलने पर गोपालगंज से लेकर पटना तक प्रशासनिक महकमा में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने इसकी जांच के लिए टीम का गठन कर दिया. डीटीओ मनोज कुमार रजक, सदर एसडीएम डॉ प्रदीप कुमार और डीसीएलआर वीरेंद्र प्रसाद की टीम ने जांच शुरू किया जांच के दौरान अधिकारियों ने मांझागढ़ बाजार में स्थित सरकारी स्कूल के शिक्षक संतोष महतो के घर पर छापेमारी की. छापेमारी में अंचल कार्यालय के दाखिल खारिज से संबंधित सैकड़ों सरकारी दस्तावेज, जमीन जमाबंदी के कागजात, अधिकारियों के मुहर, पासबुक, लैपटॉप, प्रिंटर, कंप्यूटर बरामद किया गया. सदर एसडीएम डॉ प्रदीप कुमार ने कहा कि जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी. फ़िलहाल शिक्षक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम छापेमारी कर रही है.

पूरे मामले में डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने कहा कि शिक्षक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है.वहीं, जमीन कैसे बेच दी गई और इसकी जमाबंदी भी अंचल कार्यालय से करा ली गई, इसमें किन-किन अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका है. इसकी जांच जात के लिए तीन अधिकारियों की टीम का गठन किया गया है ,जो पिछले 1 साल में अंचल कार्यालय से हुए दाखिल खारिज और जमाबंदी रद्द होने वाले मामले की जांच करेगी. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने जमीन माफियाओं के कारनामे को हैरतअंगेज बताया. उन्होंने कहा कि यही हाल रहा तो कभी गोपालगंज का कलेक्ट्रेट और पटना का गांधी मैदान तक जमीन माफिया बेचकर चले जाएंगे और अधिकारियों को इसकी जानकारी तक नहीं होगी.

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