पटना यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर ने जीता मिसेज बिहार का अवार्ड, बोलीं- ‘हिरोइन बनने की है चाहत’

पटना: ऐसा कहा जाता है न की अगर मन में ठान लो तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं. इसी कहावत को साबित किया है पटना की डॉक्टर रोहिणी जो मुख्य रूप से सहरसा की रहने वाली है, लेकिन वर्तमान में पटना में रहती हैं. रोहिणी पटना यूनिवर्सिटी के इंग्लिश डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर हैं.दरअसल रोहिणी ने 2023 को पटना में हुए मिस बिहार का खिताब अपने नाम किया है. डॉक्टर रोहिणी को बधाई देने के लिए सगे-संबंधियों के साथ पड़ोसी भी बधाई दे रहे हैं. गुरुवार को डॉक्टर रोहिणी ने पटना में माता-पिता और करीबी मित्रों के साथ केक काटकर जीत का सेलिब्रेट किया.

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200 से ज्यादा प्रतिभागियों को पछाड़ कर जीता ताज

डॉक्टर रोहिणी प्रोफेसर के साथ-साथ मॉडलिंग की दुनिया में भी अपने सपने को पूरा कर दिखाया. पूरे बिहार से आए करीब 200 से ज्यादा प्रतिभागियों को पीछे छोड़कर मिसेज बिहार का खिताब अपने नाम कर ली है.रोहिणी ने कहा कि आज मुझे काफी खुशी हो रही है. क्योंकि मुझे पढ़ाने के साथ-साथ मॉडलिंग भी करना काफी अच्छा लगता है.

घर परिवार के सपोर्ट से मिला मुकाम

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में भी आने के लिए मैं पहले से तैयारी कर रही थी. मेरे घर परिवार का पूरा सपोर्ट मिलता है. उन्होंने कहा कि मेरे लिए चुनौती तो है पर मैंने दोनों को बखूबी आपने विवेक और मेहनत के बदौलत यहां तक पहुंची हूं. प्रोफेसर के साथ-साथ मॉडलिंग करने में छात्रों और सीनियर का भी काफी सहयोग मिला है.

महिलाएं असंभव को भी संभव कर सकती हैं

उन्होंने कहा कि बिहार की महिलाएं आगे बढ़ रही हैं. लेकिन महिलाओं को अलग-अलग नजरिए से देखा जाता है. मैं उस सोच को तोड़ना चाहती हूं.उन्होंने कहा कि लोगों की ऐसी सोच है कि टीचिंग के साथ-साथ मॉडलिंग नहीं कर सकती है. मैं इसको लेकर के प्रयास कर रही हूं. उन्होंने कहा कि महिलाएं असंभव को भी संभव कर सकती हैं. एक काम के साथ-साथ कई काम कर सकती हैं. मैं अभी हाउसवाइफ के साथ-साथ प्रोफेसर हूं और मॉडलिंग भी कर रही हूं. अपनी जिम्मेवारी के साथ-साथ अपने सपनों को भी साकार कर रही हूं.

महिलाओं को कर रही हूं जागरूक

उन्होंने कहा कि मैं महिलाओं को उनके हेल्थ को लेकर मोटिवेट करती हूं .खास करके उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत अथमल गोला प्रखंड के गांव में पहुंचकर महिलाओं के बीच सेनेटरी पैड का वितरण कर उनको अवेयरनेस करने का काम की हूं .जिसमें कि महिलाओं को पीरियड्स के समय में सावधानी बरतनी चाहिए. इसको लेकर के महिलाओं को मैं जागरूक करती हूं, लेकिन महिलाएं पीरियड्स बताने में शर्माती हैं हिचक होती है. कोई महावारी कहते हैं तो कोई बोलने में कतराते हैं, लेकिन उनको मैं जागरूक और सशक्त बनाने की दिशा में प्रयास कर रही हूं.

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