उत्तर बिहार में आज भारी बारिश का अलर्ट, 24 घंटों के दौरान पूर्णिया में अधिक बरसे इंद्र देव

पटना : आषाढ़ के अब गिनती के दिन ही बचे हैं। चार जुलाई से सावन चढ़ रहा है। इसे देख आषाढ़ झूम उठा है। गुरुवार से शुक्रवार तक मध्यम हवा के साथ अच्छी वर्षा हुई है। लोगों को गर्मी से राहत मिली है। सर्वाधिक खुशी किसानों को है। जिन खेतों में दरारें दिख रही थीं, अब वहां धान रोपनी की तैयारी है।राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में दक्षिण-पश्चिम मानसून सक्रिय हो गया है। मानसून की सक्रियता के कारण प्रदेश के अधिकांश इलाके में झमाझम वर्षा हो रही है। पिछले चौबीस घंटे में सबसे ज्यादा वर्षा पूर्णिया में रिकार्ड की गई। वहां पर 172.6 मिलीमीटर वर्षा हुई।

Bihar Weather: उत्तर बिहार में आज भारी बारिश का अलर्ट, 24 घंटों के दौरान पूर्णिया में अधिक बरसे इंद्र देवदूसरे स्थान पर खगड़िया रहा, जहां पर 147.8 मिलीमीटर वर्षा हुई। मध्य बिहार के सबसे ज्यादा वर्षा पटना में हुई। राजधानी में पिछले चौबीस घंटे में 142.8 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई। शुक्रवार को दिन में 20 मिलीमीटर वर्षा हुई। पटना मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानियों का कहना है कि इस तरह की स्थिति अगले चौबीस घंटे तब बनी रहेगी। अगले चौबीस घंटे में कटिहार, मधेपुरा, भागलपुर, जहानाबाद सहित कई जिलों में भारी वर्षा के आसार है। उसके बाद ही लोगों को वर्षा से राहत मिल सकती है।

उत्तर बिहार में भारी बारिश का अलर्ट

पटना मौसम विज्ञान केन्द्र के विज्ञानी संजय कुमार का कहना है कि अगले चौबीस घंटे के अंदर उत्तरी बिहार के अधिकांश जिलों में भारी वर्षा हो सकती है। वर्तमान में राज्य से एक ट्रफ लाइन गुजर रही है। फिलहाल यह ट्रफ लाइन राजस्थान से लेकर नागालैंड तक गुजर रही है। इसके अलावा प्रदेश पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जिससे शनिवार को भी प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में वर्षा हो सकती है।

वर्षा के साथ किसानों ने शुरू की धान की रोपनी

प्रदेश में मानसून की वर्षा शुरू होते ही किसानों ने धान की रोपनी भी शुरू कर दी। आत्मा के उप परियोजना निदेशक वृजेन्द्र मणि का कहना है कि पटना जिले के बिहटा, मनेर सहित कई प्रखंडों में शुक्रवार से धान की रोपनी किसानों ने शुरू कर दी है। इसके लिए रोहणी नक्षत्र में बिचड़ा डाला गया था। जैसे ही खेतों में पानी दिखाई देने लगा, किसान धान की रोपनी करने लगे। वर्षा जारी रहा तो आगे भी धान की रोपनी जारी रहेगी। किसान पानी का ही इंतजार कर रहे थे।

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