शंकरपुर शिव मंदिर का इतिहास एक अबूझ पहेली, सावन के महीनें में भक्तों का लगता है तांता

अररिया: अररिया जिला का फरविसगंज प्रखंड क्षेत्र के सैफगंज पंचायत के शंकरपुर गांव की पहचान शिव मंदिर से जुड़ा है. शिव मंदिर होने के कारण ही इस गांव का नाम शंकरपुर पड़ा है. फरविसगंज प्रखंड के उत्तरी छोर पर स्थित इस शिव मंदिर को लोग मनोकामना पूर्ण करने का केंद्र मानते हैं. जानकारी के मुताबिक महाशिवरात्रि एवं सावन के आगमन होते ही रोजाना सैकड़ों की संख्या में जलाभिषेक के लिये श्रद्धालु आते हैं. मालूम हो कि अररिया जिला के आस पास के जिले से भी श्रद्धालु बड़ी आस्था के साथ भगवान शिव की पूजा अर्चना व जलाभिषेक के लिये पहुंचते रहते हैं.

mandirमंदिर के बारे में कैसे पता चला 

वहीं, स्थानीय ग्रामीणों ने बताया इस मंदिर का निर्माण कब हुआ यह हमलोगों को पता नहीं है. हमलोगों के पिताजी – दादाजी को भी यह मालूम नहीं था की यह मंदिर कितना वर्ष पुराना है. एक ग्रामीण ने बताया कि कि इस जगह प्रारंभ में जंगल था. बताया जाता है कि एक बार की बात है. इस जंगल में शेर आया था. गांव के कोई लोग इस शेर को भगाने के लिये डर के मारे नहीं गये. अन्त में गांव के ही बद्री मंडल ने अपने छह पालतू कुत्ते के साथ शेर को खदेड़ने जंगल गये. सहासी बद्री मंडल मंडल जैसे हीं जंगल पहुंचे . जंगल पहुंचते ही शेर ने उन पर आक्रमण कर दिया शेर के आक्रमण करते हीं उसके पालतू कुत्ते ने उस शेर पर आक्रमण किया. अन्त में सहासी बद्री मंडल व शेर दोनों की मौत आपस में लड़ते लड़ते हो गई.

‘महादेव हमेशा हम सब की करते हैं रक्षा’ 

फिर लोगों की एक बड़ी भीड़ जुट गई. जब लोग जंगल को काटने लगे तो जंगल काटने के दौरान कुदाल पत्थर से टकराई. जब उस पत्थर से खून निकलने लगा तब लोगों में और हलचल शुरु हो गई. जब उस पत्थर की खुदाई की गई तो वहां शिवलिंग निकला तब से यहां भगवान शिव की पूजा आराधना व जलाभिषेक भक्तों के द्वारा शुरु हो गया. स्थानीय प्रबुद्धजनों की मानें तो यह मंदिर लगभग तीन सौ साल पुराना है. इस शिव मंदिर के जमीनदाता रानीगंज प्रखंड के जगता निवासी नंदलाल नायक हैं. इन क्षेत्र के भक्तों का मानना है कि महादेव हमारी विकट परिस्थिती में मदद करते हैं. महादेव हमलोगों के क्षेत्रों के जान माल की रक्षा हमेशा करता हैं. चाहे बाढ़ हो सुखाड़ हो या कोरोना जैसी महामारी महादेव ने हमेशा हम सब की रक्षा की है.

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading