एक ऐसा गांव जहां के सरकारी विद्यालय दे रहें प्राइवेट स्कूलों को मात, मिल चुका है अवार्ड

वैशाली : वैशाली में एक ऐसा गांव जहां एक साथ तीन-तीन सरकारी स्कूल है. लेकिन इस गांव में एक ऐसा भी स्कूल है, जिसकी चर्चा अब जिले में हो रही है. दरअसल, पटेढ़ी बेलसर प्रखंड क्षेत्र में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय हिंदी, अच्छे-अच्छे प्राइवेट स्कूलों को भी टक्कर दे रहा है. शिक्षकों की समझ बूझ और मेहनत की बदौलत अच्छे शिक्षा के लिए यह विद्यालय जितना चर्चित है, उतना ही इस विद्यालय की व्यवस्था इसे अन्य सरकारी स्कूलों से अलग करता है. खास बात यह है कि इस गांव के बच्चे निजी स्कूल के बजाए सरकारी स्कूल में ही जाना चाहते हैं.

राजस्थान के इन सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए मची होड़, निकालनी पड़ी लॉटरीउत्क्रमित मध्य विद्यालय हिंदी के बच्चों का कहना है कि निजी स्कूल से जायदा अच्छी पढ़ाई इस सरकारी स्कूल में हो रही है. इस स्कूल के सभी शिक्षक बहुत अच्छे हैं. यहां के सभी बच्चे न केवल ड्रेस कोड का पालन करते हैं, बल्कि सभी बच्चों ने अपने-अपने खर्चे से अपने लिए टाई और बेल्ट भी ले लिया है. इससे बच्चों के ड्रेस कोड में एकरूपता के साथ-साथ उनका आत्मबल भी बढ़ता है. उत्क्रमित मध्य विद्यालय हिंदी की इन्हीं खूबियों के कारण इस विद्यालय को उत्कृष्ट विद्यालय पुरस्कार मिल चुका है. कलेक्ट्रेट सभागार मेंचित्रगुप्त कुमार ने स्कूल के HM जयलाल पासवान को सम्मानित भी किया था.

बच्चों की पढ़ाई का ख्याल रखते हैं शिक्षक
उत्क्रमित मध्य विद्यालय हिंदी में पढ़ाई करने वाले बच्चे बताते हैं कि यहां निजी स्कूल से भी बेहतरीन पढ़ाई होती है. हम लोग 9 बजे स्कूल आ जाते हैं. 10 बजे की पहली घंटी लगती है. इसके बाद समय-समय पर शिक्षक क्लास रूम में पहुंचते हैं और अच्छे से पढ़ाई कराते हैं. स्कूल में 291 नामांकित बच्चे हैं, जिसमें 90% बच्चे उपस्थित रहते हैं. वहीं HM जयलाल पासवान बताते हैं कि हमारे स्कूल में ड्रेस कोड का पालन किया जाता है. वे कहते हैं कि स्कूल को लोग हीन भावना से देखते हैं, लेकिन हमारा स्कूल इस मानसिकता से अलग है. हमलोग बच्चे को अच्छी पढ़ाई देने के साथ-साथ अनुशासित रखते हैं. शिक्षक भी स्कूल में बजे से पहले उपस्थित हो जाते हैं.

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