बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से चयनित कई शिक्षकों को जॉइनिंग में परेशानी आ रही है। इनमें अधिकतर अभ्यर्थी दूसरे राज्य के हैं या फिर वे केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नौकरी कर रहे हैं। उन्हें 30 नवंबर तक विरमण पत्र के साथ योगदान देना है। मगर उन्हें विरमण पत्र नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में नए शिक्षकों ने बिहार के शिक्षा विभाग से गुहार लगाई है। उन्होने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में आवेदन देकर अतिरिक्त समय की मांग की है। ताकि, वह इस दौरान अपने विभाग से विरमण पत्र प्राप्त कर सकें।
बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं, जो रेलवे तथा दूसरे राज्यों की सरकारी नौकरी में कार्यरत हैं। उन्होंने अपने विभाग में इस्तीफा दिया है, जिसे तत्काल स्वीकार नहीं किया जा रहा है और ना ही पत्र दिए जा रहे हैं। इसको लेकर अभ्यर्थियों ने शिक्षा विभाग से गुहार लगाई है कि इन्हें कुछ और दिनों की मोहलत दी जाए।
मालूम हो कि शिक्षा विभाग ने 13 नवंबर को जारी अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि भारत सरकार अथवा राज्य सरकारों के किसी विभाग में कार्यरत नवनियुक्त शिक्षकों वर्तमान कार्यालय से विरमण पत्र एवं बकाया आरोप आदि लंबित नहीं रहने का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद ही इन शिक्षकों को योगदान करने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए 30 नवंबर तक का समय दिया गया है।
दूसरा चरण : ऑनलाइन शुल्क जमा करने को दो दिन और मिले
बीपीएससी ने शिक्षक नियुक्ति के दूसरे चरण के ऑनलाइन शुल्क जमा करने की तिथि दो दिन के लिए बढ़ा दी है। पंजीयन करने वाले जिन अभ्यर्थियों का शुल्क जमा नहीं हो पाया है वो अब 23 और 24 नवंबर को भी शुल्क जमा कर सकते हैं। इसकी जानकारी बुधवार को सोशल मीडिया एक्स पर बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने दी है। उन्होंने कहा कि जिन अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन तो करवा लिया, लेकिन शुल्क जमा नहीं किया है, उन्हें एक मौका दिया जाएगा। इससे 50 हजार अभ्यर्थियों को फायदा होगा। हजारों अभ्यर्थियों ने शुल्क जमा नहीं होने की जानकारी बीपीएससी प्रशासन को दी थी।