बिहार : बच्चों ने मिड डे मील का खाना को खेत में फें’का, बच्चों ने कहा-इतना खराब था कि खाया नहीं जा सकता

बिहार : एक तरफ शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव केके पाठक बिहार में सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदलने की कोशिश कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ राज्य में कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जिस पर तमाम निर्देशों का कोई असर नहीं हो रहा है. आज भी प्रदेशभर में कई स्कूल ऐसे हैं, जहां स्कूल जर्जर भवन में तब्दील हो चुका है तो कहीं एक ही शिक्षक के भरोसे पूरा स्कूल है. वहीं, मिड डे मील को लेकर अकसर एक बार फिर छात्रों में आक्रोश देखा गया. आपको बता दें कि शिवहर प्रखंड क्षेत्र के राजकीय मध्य विद्यालय कटसरी जागीर में जब मिड डे मील का खाना बच्चों को परोसा गया तो बच्चों ने घटिया खाना बताकर इसे खेत में फेंक दिया. जिसके बाद आक्रोशित बच्चों ने इसका विरोध करते हुए प्रदर्शन भी किया.

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मिड डे मील को लेकर बच्चों का प्रदर्शन

वहीं, गुस्साए छात्रों ने बताया कि कैसे शिक्षक अपने लिए अलग से खाना बनवाते हैं और हमारे लिए अलग से खाना बनाया जाता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि खाना इतना खराब था कि उसे खाया नहीं जा सकता था, इसलिए उसे फेंक दिया. बच्चों के प्रदर्शन की खबर मिलते ही डीपीओ राहुल कुमार ने स्कूल पहुंचकर पूरे मामले की जांच की. साथ ही कहा कि वह बारी-बारी से सभी स्कूलों में जाकर निरीक्षण करेंगे और विद्यालय में खाने की गुणवत्ता की जांच करेंगे. इसके साथ ही स्कूल में साफ-सफाई की भी जांच की, शौचालय का भी निरीक्षण किया तो देखा कि वहां गंदगी का अंबार लगा हुआ था. इसके साथ ही उन्होंने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.

शिक्षा व्यवस्था को लेकर केके पाठक सख्त

आपको बता दें कि शिक्षा विभाग की रिपोर्ट की मानें तो प्रतिदिन राज्य में 40 हजार से अधिक स्कूलों का निरीक्षण किया जा रहा है. वहीं, इस निरीक्षण में 100 से अधिक शिक्षक स्कूल से अनुपस्थित पाए गए हैं. ये शिक्षक वैसे हैं, जिन्होंने बिना सूचना के या बिना स्कूल से छुट्टी लिए ही गायब हैं. जिनकी एक दिन की सैलेरी विभाग के निर्देश पर जिलों द्वारा काटा जा रहा है. नए साल की शुरुआत के साथ ही एसीएस केके पाठक ने नया फरमान जारी किया. जिसके अनुसार एक साथ अधिक से अधिक स्कूल के 10 फीसदी शिक्षक ही छुट्टी पर जा सकते हैं.

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