केके पाठक के बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के नही पहुंचने की वजह आई सामने, जानें….

शिक्षा विभाग की ओर से गुरुवार को बुलाई गयी प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, प्रतिकुलपतियों, कुलसचिवों, वित्तीय परामर्शियों, वित्त पदाधिकारियों एवं परीक्षा नियंत्रकों का दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम और बैठक नहीं हुई। इसमें शामिल होने के लिए किसी भी विश्वविद्यालय के कुलपति नहीं आए।

हालांकि, आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम व बैठक इसलिए नहीं हुई, क्योंकि उसे स्थगित कर दी गई। शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, प्रतिकुलपतियों, कुलसचिवों, वित्तीय परामर्शियों, वित्त पदाधिकारियों एवं परीक्षा नियंत्रकों का दो दिवसीय आवासीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम तथा बैठक बुलायी थी।

बैठक राजधानी पटना के एक होटल में बुलायी गयी थी। इसके एजेंडे में शैक्षणिक सत्रों को समय पर पूरा कराने हेतु परीक्षाओं का आयोजन, विश्वविद्यालयों में लेखा संघारण, विश्वविद्यालयों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा एवं विभिन्न न्यायालयी वादों का निबटारा आदि शामिल थे।

नहीं पहुंचे कुलपति और अधिकारी

दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम तथा बैठक के लिए इसमें शामिल होने के लिए किसी भी विश्वविद्यालय के न तो कुलपति पहुंचे और न ही शिक्षा विभाग के कोई संबंधित उच्चाधिकारी ही। बताया गया कि दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम और बैठक स्थगित कर दी गयी है।

हालांकि, इसमें शामिल होने के लिए वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति होटल में पहुंच चुके थे। बैठक स्थगित होने की वजह से उन्हें बैरंग लौटना पड़ा।

बता दें कि बैठक में शामिल होने के लिए राज्यपाल तथा कुलाधिपति ने कुलपतियों को अनुमति दी थी। उसकी प्रति प्रतिकुलपतियों, कुलसचिवों, वित्तीय परामर्शियों, वित्त पदाधिकारियों एवं परीक्षा नियंत्रकों को भी अनुपालन के लिए दी गयी थी।

उसमें कहा गया था कि शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में होने वाली दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम सह बैठक में शामिल होने की अनुमति देने की कृपा कुलाधिपति ने की है, लेकिन, लोकसभा चुनाव को लेकर लागू आदर्श चुनाव आचार संहिता की वजह से शिक्षा विभाग ने शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम सह बैठक से संबंधित पत्र के स्थान पर नया पत्र जारी किया।

उसमें शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली बात का उल्लेख नहीं था। माना जा रहा है कि इसी वजह से बैठक में शामिल होने के लिए किसी भी विश्वविद्यालय के कुलपति नहीं आये। इससे दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम तथा बैठक स्थगित करनी पड़ी।

 

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