बिहार को मिली छप्पर फाड़ वंदे भारत एक्सप्रेस की सौगात, एक साथ 5 सेमी हाई स्पीड ट्रेनें भरेंगी रफ्तार

पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर की सुबह 10:30 बजे 11 ट्रेनों को जमशेदपुर से हरी झंडी दिखाएंगे. इसके लिए तैयारियां पूरी की जा रही हैं. इन 11 वंदे भारत एक्सप्रेस में तीन ट्रेनें बिहार को मिली हैं जिनमें टाटानगर-पटना, हावड़ा-गया, हावड़ा-भागलपुर है. वंदे भारत का गया ऐसा स्टाप होगा जहां पर 5 वंदे भारत हाल्ट करेंगी. इस तरह देखें तो बिहार को कुल 5 वंदे भारत ट्रेन की सौगात मिल रही है. वाराणसी देवघर के बीच गया भी एक स्टाप होगा.

वंदे भारत का शानदार लुक

गया स्टेशन पर रुकेगी 5 वंदे भारत

जीएम अनिल मिश्रा के द्वारा जानकारी दी गई कि बिहार के लिए तीन वंदेभारत चलाने की अनऑफिशियल सूचना उन्हें मिली है. जबकि टाटानगर-पटना वंदेभारत को नरेंद्र मोदी ऑनलाइन झंडी दिखाकर सुबह रवाना करेंगे. इसके अलावा हावड़ा-गया और हावड़ा-भागलपुर के बीच भी वंदेभारत चलेगी. इस दौरान 60 मिनट तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टाटानगर स्टेशन पर रहेंगे. जो कि अन्य स्टेशनों पर खड़ी वंदेभारत को ऑनलाइन हरी झंडी दिखाएंगे.

टाटानगर-पटना वंदे भारत का रूट

उद्घाटन के अगले दिन से टाटानगर से चलने वाली वंदे भारत सुबह 5:30 बजे रवाना होगी और 7:15 बजे मूरी, 8:10 बजे बोकारो स्टील सिटी, 8:55 बजे गोमो, 9:07 बजे पारसनाथ, 9:55 बजे कोडरमा, 11:10 बजे गया और दोपहर 12:45 बजे पटना पहुंचेगी.

हावड़ा-गया वंदे भारत का रूट

हावड़ा से वंदे भारत सुबह 6:50 बजे, दुर्गापुर में सुबह 8:28 बजे, आसनसोल से सुबह 8:53 बजे, धनबाद में सुबह 9:43 बजे, सुबह 10:13 बजे पारसनाथ, सुबह 10:58 पर कोडरमा और दोपहर 12:30 बजे गया पहुंचेगी. कुल 6 घंटे 20 मिनट में हावड़ा से गया पहुंचेगी.

हावड़ा-भागलपुर वंदे भारत का रूट 

हावड़ा-भागलपुर वंदे भारत को ये दूरी तय करने में महज 6 घंटे का समय लगेगा. यह ट्रेन सुबह 7:45 से हावड़ा स्टेशन से रवाना होगी और बोलपुर, रामपुर हाट जंक्शन, दुमका, नोनीहाट, हंसडीह और भागलपुर है. ये भागलपुर दोपहर 2:05 पर पहुंच जाएगी. फिर इन्ही स्टेशनों से होते हुए वापस 3:20 से चलकर रात 9:20 पर हावड़ा पहुंच जाएगी.

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading