प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार डिजिटल लेन-देन की दिशा में एक और नियम ला सकती है। दरअसल सरकार कागजी मुद्रा के उपयोग को कम करने के लिए एक साल में 10 लाख से ज्यादा की नकद निकासी करने वाले लोगों पर टैक्स लगाने की संभावनाओं पर विचार कर रही है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार सरकार एक और नियम पर विचार कर रही है। भारी रकम निकासी करने वाले लोगों की पहचान करने के लिए सरकार आधार प्रमाणीकरण को अनिवार्य करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इससे नकद लेनदेन का टैक्स रिटर्न से आसानी से मिलान हो सकेगा।

जिस तरह 50 हजार से अधिक पैसा जमा करने पर पैन कार्ड दिया जाता है, उसी तरह 10 लाख से ज्यादा की नकद निकासी पर सरकार द्वारा आधार संख्या को अनिवार्य किया जा सकता है। यूआईडी प्रमाणीकरण और ओटीपी( वन टाइम पासवर्ड) यह सुनिश्चित करेगा कि आधार संख्या का दुरुपयोग न हो सके।

मनरेगा के लाभार्थियों को आधार का इस्तेमाल कर ऑथेंटिकेट रसीद की आवश्यकता होती है लेकिन अगर कोई पांच लाख रुपये की नकद निकासी करता है तो ऐसा नहीं होता।
मोदी-2.0 सरकार का पहला आम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांच जुलाई को पेश करेंगी। पांच जुलाई को बजट में इस नियम की घोषणा की जा सकती है।
