स्विट्जरलैंड के अधिकारी जल्द कम से कम 50 भारतीय लोगों की बैंक संबंधी सूचनाएं भारत सरकार को सौंप सकते हैं। इनमें ज्यादातर जमीन-जायदाद , वित्तीय सेवा, प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, पेंट, घरेलू साज-सज्जा, कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान और रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के कारोबार से जुड़े कारोबारी और कंपनियां शामिल हैं।
दरअसल स्विट्जरलैंड की सरकार कर चोरों की पनाहगाह की अपने देश की छवि को बदलने के लिए कुछ वर्षों से कई सुधार किए हैं। स्विट्जरलैंड की सरकार विभिन्न देशों के साथ संदिग्ध व्यक्तियों संबंधी बैंकिंग सूचनाओं को साझा करने में की व्यवस्था में जुड़ गई है। भारत में कालेधन का मामला राजनीतिक तौर पर संवेदनशील है। स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने मार्च से अब तक कम से कम 50 भारतीय खाताधारकों को नोटिस जारी कर उनकी सूचना भारत सरकार को देने से पहले उन्हें उसके खिलाफ अपील का एक अंतिम मौका दिया है।

इन भारतीयों को भेजा गया नोटिस
गजट के अनुसार, 21 मई को 11 भारतीयों को नोटिस जारी किए गए हैं। जिन दो भारतीयों का पूरा नाम बताया गया है उनमें मई 1949 में पैदा हुए कृष्ण भगवान रामचंद और सितंबर 1972 में पैदा हुए कल्पेश हर्षद किनारीवाला शामिल हैं।
अन्य नामों में जिनके शुरुआती अक्षर बताये गये हैं उनमें ये सब शामिल हैं –
– 24 नवंबर 1944 को पैदा हुए एएसबीके
– नौ जुलाई 1944 को पैदा हुए एबीकेआई
– दो नवंबर 1983 को पैदा हुई श्रीमती पीएएस
– 22 नवंबर 1973 को पैदा हुई श्रीमती आरएएस
– 27 नवंबर 1944 को पैदा हुए एपीएस
– 14 अगस्त 1949 को पैदा हुई श्रीमती एडीएस
– 20 मई 1935 को पैदा हुए एमएलए,
– 21 फरवरी 1968 को पैदा हुए एनएमए
– 27 जून 1973 को पैदा हुए एमएमए
इन्हें संबंधित ग्राहक या उनका कोई प्राधिकृत प्रतिनिधि आवश्यक दस्तावेजी सबूतों के साथ 30 दिनों के भीतर अपील करने के लिए उपस्थित होने को कहा गया है।
