मुजफ्फरपुर। जिला प्रशासन और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से समाहरणालय सभाकक्ष में मीडिया उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्घाटन डीएम प्रणव कुमार ने किया। कार्यशाला में संयुक्त रूप से डीएम, डीडीसी, एडीएम, सीएस, डीएमओ, डीपीआरओ एवं केयर डीटीएल ने दीप प्रज्ज्वलित कर “चमकी को धमकी” पोस्टर का अनावरण किया।
इस अवसर पर डीएम ने कहा कि चमकी के प्रचार प्रसार में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है। एईएस कोई रोग नहीं यह कई रोगों के लक्षणों का समावेश है। पिछले 10-12 वर्षों में जो मत बना है वह यह कि एईएस का जुड़ाव गर्मी और नमी से जरूर है। हमें एईएस से निपटने के लिए त्वरित गति से काम करना होगा, ताकि इसका असर कम किया जा सके।
इसके लिए हम विभिन्न स्तरों पर कार्य कर रहे है। अलग-अलग माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसमें मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है।
डीएम ने मीडिया कर्मियों से कहा कि लोगों तक पहुंचने की अपनी क्षमता का चमकी के लिए वह भरपूर उपयोग करें। मीडिया से तीन संदेशों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने को कहा। उन संदेशों में शाम के वक्त सुस्ती होने पर पीएचसी जाना, रात में खाना खिलाकर ही बच्चों को सुलाना और एम्बुलेंस या टैग वाहन का इंतजार न करते हुए किसी भी वाहन से तुरंत ही नजदीकी पीएचसी ले जाना।
जिला वीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सतीश कुमार ने कहा स्वास्थ्य विभाग चमकी पर पूरी तरह सजग और सतर्क है। पीएचसी स्तर तक सुविधाएं संपूर्ण हैं। हरेक पीएचसी में वातानुकूलित दो बेड का वार्ड चमकी के लिए रिजर्व है। वहीं सदर अस्पताल और एसकेएमसीएच में भी अलग से एईएस के लिए अलग से वार्ड बनाए गए हैं।
अस्पतालों में ऑक्सीमीटर और ग्लूकोमीटर जैसे छोटे और उपयोगी उपकरणों सहित आवश्यक दवाओं की व्यवस्था की जा चुकी है। जिला एवं प्रखंड स्तर पर एईएस कंट्रोल रूम स्थापित किये गए हैं। गांवों में ओआरएस पैकेट बांटे जा रहे हैं। ड्रग स्टोर में अभी 50 हजार ओआरएस पैकेट उपलब्ध है। प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न प्रखंडों में 25 आरबीएसके वाहनों से माइकिंग कराई जा रही है। इसके अलावा पंचायत भवन, आंगनबाड़ी, सामुदायिक भवन, महादलित टोला, विद्यालयों में दीवाल लेखन कराया गया है।
उन्मुखीकरण के दौरान केयर इंडिया के डीटीएल सौरभ तिवारी ने बताया कि चमकी को लेकर निगरानी, स्वास्थ्यकर्मियों का क्षमतावर्धन, अस्पताल की तैयारी और बच्चों को ससमय अस्पताल ले जाना ये ऐसे फैक्टर हैं जिससे चमकी के प्रभाव पर नियंत्रण पाया जा सकता है। चमकी पर तैयारी के संदर्भ में सौरभ तिवारी ने कहा सभी डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों का क्षमतावर्धन किया जा चुका है। इसके साथ ही सभी एम्बुलेंस के ईएमटी का भी प्रशिक्षण हो चुका है।
जिला सूचना एवं जनसपंर्क पदाधिकारी कमल सिंह ने मीडिया और प्रशासन के संबंधों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं। मीडिया की बातें पूरे जनमानस को प्रभावित करती हैं। इसलिए मीडिया का कर्तव्य है कि संबंधित तथ्यों और खबरों की पुष्टि एक बार प्रशासन या संबंधित विभाग से अवश्य कर लें ताकि भ्रामक खबरें समाज में न जा पाएं। मौके पर एडीएम डॉ अजय कुमार, डीडीसी आशुतोष द्विवेदी, सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी बीपी वर्मा, डीआईओ डॉ एके पांडेय सहित विभिन्न मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।


