मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में भारत केनियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की टीम करीब एक महीने से सात वर्ष पुरानी वित्तीय फाइलों की ऑडिट कर रही है।
सत्र 2015-16 से लेकर सत्र 2021-22 तक विवि और कालेजों में विभिन्न मद में मिली राशि और खर्च से जुड़े दस्तावेजों को खं’गाल रही है। टीम को 2015 से 2017 तक की कई फाइलें नहीं मिली हैं।

जब टीम की ओर से पुरानी वित्तीय फाइलें मांगी गई तो विवि में खोजबीन शुरू हुई। पहले तो हवाला दिया गया कि वे फाइलें गोपनीय हैं, लेकिन टीम की ओर से नियम की जानकारी दी गई तो उसकी तलाश की जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार, कई वित्तीय फाइलें विवि से गायब हैं। विवि से जुड़े सूत्रों के अनुसार यह घोटाले की ओर संकेत कर रही है। जब टीम ने विवि से जुड़ी फाइलें मांगी तो विवि ने कालेजों पर शि’कंजा कसना शुरू किया है।
बताया कि अभी परीक्षा विभाग से जुड़ी फाइलों खुली हैं। उनमें बड़े पैमाने पर ग’ड़बड़ी है। विभिन्न मदों में जमा राशि और खर्चें के हिसाब का कोई लेखा-जोखा उपलब्ध नहीं है।
