बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के आधा दर्जन कालेजों की ओर से परफार्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (पीएआर) नहीं भरने के कारण राष्ट्रीय शिक्षा शिक्षक परिषद (एनसीटीई) ने नए सत्र में नामांकन पर रोक लगा दी गई है। इससे विवि के क्षेत्राधिकार में आने वाले बीएड कालेजों में सीटें कम हो जाएंगी। अबतक विवि को प्राप्त सूचना के अनुसार करीब छह सौ सीटें कम होंगी।

विवि के अधिकारी बताते हैं कि पीएआर नहीं जमा करने वाले कालेजों की संख्या बढ़ भी सकती है। सभी बीएड कालेजों को विवि को इसकी जानकारी देने को कहा गया था, लेकिन आधा दर्जन से इतर कई और भी कालेज हैं जिनकी ओर से पीएआर जमा कराया है या नहीं इसकी जानकारी नहीं दी है।

कालेज निरीक्षक कला डा. प्रमोद कुमार ने बताया कि इन कालेजों में इसी सत्र से नामांकन पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में इन कालेजों का नाम पोर्टल से हटाया जाएगा। अभी विद्यार्थियों को इन कालेजों का भी विकल्प आवेदन के समय पोर्टल पर मिल रहा है। बीएड प्रवेश परीक्षा के राज्य नोडल पदाधिकारी प्रो.अशोक कुमार मेहता ने बताया कि अबतक सरकार की ओर से कालेजों का नाम पोर्टल से हटाने का निर्देश नहीं मिला है। निर्देश मिलता है तो कालेजों के नाम हटाए जाएंगे। साथ ही उनके विकल्प चुनने वाले विद्यार्थियों को कालेज का विकल्प एडिट करने का मौका मिलेगा।

एनसीटीई की ओर से बीएड कालेजों में संचालित चार वर्षीय बीएड कोर्स में अगले सत्र से नामांकन पर रोक लगा दी गई है। परिषद की ओर से कहा गया है कि अब चार वर्षीय बीएड कोर्स का संचालन इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम के तहत किया जाएगा। इसके लिए बीए व बीएससी की पढ़ाई हो रही हो वैसे संस्थानों को ही मान्यता दी जाएगी।

इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स के लिए सत्र 2022-26 में नामांकन की अधिसूचना जारी की जा चुकी है। ऐसे में सत्र 2023-27 से बीएड कालेज इस कोर्स में विद्यार्थियों का नामांकन नहीं लेंगे। वर्तमान में सूबे में बीआरएबीयू के ही चार कालेजों में चार वर्षीय बीएड कोर्स का संचालन हो रहा है।