सोमवार को मंदसौर प्रशासन ने जूनियर नेशनल की हॉकी प्लेयर सागू डावर का कच्चा झोपड़ा ध्वस्त कर दिया। इस दौरान सागु और उसके परिवार ने खुद पर केरोसिन डालकर आत्मदाह करने की भी कोशिश की। लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस-प्रशासन ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया। इन सबके बीच पुलिस और सागू के परिवार में जमकर बहसबाजी भी हुई। दरअसल प्रशासन दावा कर रहा है की उन्होंने सागू को रहने के लिए जमीन आवंटित कर दी है, लेकिन हॉकी खिलाड़ी सागू ऐसा होने से इनकार कर रही है।

बताया जा रहा है कि करीब 40 साल पहले 18 वर्षीय सागू डावर का परिवार मंदसौर में तत्कालीन समय में बन रहे नूतन स्टेडियम का निर्माण करने आया था। उसी दौरान उन्हें स्टेडियम के समीप बसाया गया था। तब से ही यह परिवार यही रह रहा था।लेकिन जिस जमीन पर सागू के घरवाले रह रहे थे वो जमीन शिक्षा विभाग की होने के कारण उस पर खेल गतिविधियों के चलते स्टेडियम बनना प्रस्तावित है। इसी कारण प्रशासन सागू के परिवार को यहां से हटाकर उन्हें नजदीक ही अलावदाखेड़ी गांव में रहने के लिए कह रहा है। लेकिन सागू शहर में ही रहने की जगह चाहती हैं।

सागू के पिता का निधन काफी लंबे समय पहले ही हो गया था। परिवार में मां और दो छोटे भाई और बहनें हैं। घर चलाने के लिए सागू पढ़ाई और हॉकी सीखने के साथ-साथ लोगों के घरों पर बर्तन और झाड़ू पोछा लगाने का काम भी करती है।

इसी कारण उनकी मांग है की उन्हें जगह शहर में दे दी जाए ताकि उन्हें आने-जाने और काम करने में परेशानियां ना आएं। सागू ने प्रशासन से साफ कर दिया है की अगर उन्हें उचित जगह नहीं दी जाती है तो वह दो साल तक उसी टूटी हुई झोपड़ी में रहकर पढ़ाई सहित अपने अन्य काम करेगी।

6 बार जूनियर नेशनल खेल चुकी हैं सागू
सागू हॉकी की बेहतरीन प्लेयर हैं। वह 6 बार जूनियर नेशनल खेल चुकी हैं। उनकी टूटी हुई झोपड़ी में कई सारे मेडल्स लटके देखे जा सकते थे। जो उनकी हॉकी के प्रति दीवानगी को दर्शाते हैं। लेकिन अब वह झोपड़ी खंडहर में बदल चुकी है। सागू के अनुसार वह अब तक तमिलनाडु, केरल, असम, दो बार झारखंड, भोपाल और ग्वालियर में हुई जूनियर नेशनल हॉकी मैच में सहभागिता कर चुकी हैं।