बगहा : नेपाल के सीमाई इलाकों से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाली खबर सामने आई है। सीमावर्ती क्षेत्रों में फर्जी पहचान पत्र के आधार पर मोबाइल सिम कार्ड बेचने का मामला सामने आया है। इससे बिहार पुलिस के होश उड़ गए हैं। प्राथमिक जांच-पड़ताल के बाद पुलिस ने 4 नामजद लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दिलचस्प बात यह है कि खुद थानाध्यक्ष ने मामले की छानबीन की और अपना ही बयान दर्ज करवाया।

उन्होंने कहा कि इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर सिम कार्ड बेचने से राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। ऐसे में समय रहते इस पर उचित कार्रवाई करने की बात कही जा रही है।

इंडो-नेपाल सीमा पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर सिम कार्ड लेकर उसका इस्तेमाल करने की खबर ने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं। थानाध्यक्ष ने जांच पड़ताल कर स्वयं का बयान रिकॉर्ड कराया और इलाके के 4 लोगों को नामजद कर उनपर कार्रवाई करने की बात कही है। भारत-नेपाल सीमा पर फर्जी दस्तावेज के जरिये सिम कार्ड लेकर इसके इस्तेमाल से खतरा उत्पन्न हो सकता है। बताया जाता है कि इलाके के 4 लोगों ने फर्जी मतदाता पहचान पत्र जमा कर सिम कार्ड खरीदा है।

थानाध्यक्ष का बयान
अपने बयान में थानाध्यक्ष अर्जुन कुमार ने बताया कि पुलिस अधीक्षक ने टेली कम्पनियों से ग्राहकों द्वारा फर्जी कागजात के आधार पर सिम कार्ड प्राप्त करने के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। उन्होंने अपने लिखित बयान में कहा है कि संलग्न दस्तावेजों की जांच में पाया गया है कि पटना हाई कोर्ट ने शिव कुमार बनाम बिहार राज्य एवं अन्य के मामले में दिए गए आदेश में कहा है कि थाना प्रभारियों द्वारा इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है जो कि उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है। लिहाजा जांच पड़ताल के क्रम में बॉर्डर क्षेत्र में 4 ऐसे लोगों का नाम सामने आया है, जिन्होंने फर्जी कागजात जमा कर सिम खरीदा है।

फर्जी दस्तावेज से सिम कार्ड खरीदने वालों की हुई पहचान
फर्जी दस्तावेज के आधार पर सिम कार्ड खरीदने वालों की पहचान कर ली गई है। इन इनके नाम नीरज पटेल साकिन विजय पुर, प्रिंस उरांवव साकिन धगरहिया, कलावती देवी साकिन सन्तपुर सोहरिया और रामधारी पंजियार साकिन कनघुसरी सोहरिया हैं। हैरत की बात यह है कि ये सभी फर्जी मतदाता पहचान पत्र जमा कर सिम कार्ड खरीदा था। ऐसे में नक्सल प्रभावित इलाका और सीमाई क्षेत्र होने की वजह से इन सिम कार्ड का गलत उपयोग होने की भी आशंका है. अब इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है।