मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय समेत इससे संबद्ध अंगीभूत काॅलेजों में मास्टर ऑफ साइंस- हेल्थ इकोनामिक्स एंड टेक्नोलाजी एसेसमेंट कोर्स की शुरुआत की जाएगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से यह कोर्स विकसित किया गया है। स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग व केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से संयुक्त पहल के बाद यूजीसी ने विश्वविद्यालय के कुलपति और काॅलेजों के प्राचार्य को पत्र जारी किया है।
पत्र में कहा गया है कि स्वास्थ्य की देखभाल, नीति निर्णयों के समर्थन व गुणवत्तापरक अध्ययन के लिए इस कोर्स को विकसित किया गया है। देश में अब तक इस प्रकार के पाठ्यक्रम काफी कम संस्थानों में ही संचालित हैं। बताया गया है कि यह कोर्स क्रेडिट बेस्ड इवैल्युएशन सिस्टम के तहत संचालित किया जाएगा। दो वर्ष के इस कोर्स को चार सेमेस्टर में बांटा जाएगा।
पहले सेमेस्टर में कोर्स का परिचय और बेसिक कंसेप्ट की जानकारी दी जाएगी। दूसरे में हेल्थ इकोनामिक्स के एडवांस कंसेप्ट से विद्यार्थी अवगत होंगे। तीसरा में मेटा एनालिसिस व सिस्टमेटिक रिव्यू और अंतिम चौथे सेमेस्टर में डसर्टेशन कार्य होगा।
संस्थानों में प्रत्येक बैच में आठ से 10 विद्यार्थियों का दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर लिया जाएगा। नामांकन के लिए मेडिसिन में बैचलर डिग्री, डेंटल ग्रेजुएट, एमबीबीएस, आयुष, बीएएमएस, बीयूएमएस, बीएचएमएस, चार वर्षीय नर्सिंग कोर्स, बैचलर ऑफ फार्मेसी, स्टेटिक्स-बायोस्टेटिक्स के साथ ही स्नातक स्तर पर अर्थशास्त्र की डिग्री होनी चाहिए। नए सत्र से विवि व कालेज इस कोर्स को एडाप्ट कर सकते हैं।

