कोरोना पर चौथी डोज पड़ेगी भारी:रिसर्च में दावा- यह वैक्सीन की तीसरी डोज के मुकाबले ज्यादा कारगर, इम्यूनिटी झट से बढ़ाती है

दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने वैक्सीन की चौथी खुराक को लेकर एक बड़ी बात कही है। देश में हुई एक स्टडी में पता चला है कि फाइजर और मॉडर्ना वैक्सीन्स की चौथी डोज सुरक्षित है। साथ ही यह तीसरी डोज के मुकाबले शरीर में ज्यादा इम्यूनिटी बढ़ाती है। यह स्टडी द लैंसेट इन्फेक्शियस डिसीज जर्नल में प्रकाशित हुई है।

दरअसल, ब्रिटिश सरकार कोरोना वैक्सीन की चौथी डोज उन लोगों को दे रही है, जिनकी इम्यूनिटी बेहद कमजोर है। इसे ‘स्प्रिंग बूस्टर’ के रूप में दिया जा रहा है। रिसर्चर्स का कहना है कि स्टडी का पूरा डेटा सामने आने से पहले लोगों में एंटीबॉडी के स्तर को बनाए रखने के लिए यह एहतियाती रणनीति है। इस साल के अंत तक वैक्सीन का बूस्टर बाकी लोगों को भी दिया जाएगा।

166 लोगों पर हुई स्टडी
इस स्टडी में 166 लोगों को शामिल किया गया। ये लोग जून 2021 में फाइजर या एस्ट्राजेनेका वैक्सीन्स की दोनों खुराक लेने के बाद फाइजर की तीसरी डोज भी ले चुके थे। वैक्सीन्स को मिक्स एंड मैच करने वाली इस रिसर्च में शामिल लोगों को फाइजर की पूरी डोज या मॉडर्ना की आधी डोज चौथी खुराक के तौर पर दी गई। तीसरी और चौथी डोज के बीच 7 महीने का अंतर रखा गया।

वैज्ञानिकों के मुताबिक, वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स में लोगों को थकान और हाथ में कुछ देर दर्द हुआ। हालांकि, किसी में भी चौथी डोज का गंभीर साइड इफेक्ट नहीं देखा गया। यानी, लोगों ने इसे अच्छी तरह सहन कर लिया। इससे साबित हो गया कि वैक्सीन की चौथी खुराक भी लोगों के लिए सुरक्षित और असरदार है। स्टडी में ये भी पाया गया कि स्प्रिंग बूस्टर ने लोगों में एंटीबॉडी के स्तर को पहले बूस्टर के मुकाबले ज्यादा बढ़ाया।

स्टडी में शामिल प्रोफेसर साउल फाउस्ट कहते हैं- नतीजे बताते हैं कि मौजूदा स्प्रिंग बूस्टर से ज्यादा संवेदनशील लोगों की इम्यूनिटी में इजाफा हो रहा है। उनको होने वाले फायदे ब्रिटेन में ठंड के मौसम में वैक्सीनेशन प्रोग्राम (ऑटम बूस्टर) के लिए भरोसा देते हैं।

COV-BOOST ट्रायल नाम की यह स्टडी यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल साउथैम्प्टन के वैज्ञानिकों ने की है। इसके अंतर्गत कई और स्टडीज भी की जा रही हैं, जैसे- वैक्सीन की दूसरी और तीसरी डोज के बीच के अंतराल की जांच, mRNA वैक्सीन्स की चौथी डोज का असर, ओमिक्रॉन वैरिएंट की वैक्सीन का प्रभाव और 18 से 30 की उम्र के लोगों में आंशिक डोजिंग की जांच।

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