महापौर को नगर आयुक्त ने दी का’नूनी का’र्रवाई की चे’तावनी

मुजफ्फरपुर, जासं। महापौर सरकार के आदेश या निर्देश के विरुद्ध नगर निगम बोर्ड में कोई ऐसा फैसला नहीं लें जिससे निगम राजस्व की क्षति हो अन्यथा बाध्य होकर विधि सम्मत का’र्रवाई हेतु सरकार को लिखा जाएगा। नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने महापौर ई. राकेश कुमार को पत्र लिखकर यह चे’तावनी दी है।

नगर निगम बोर्ड की बैठक में सफाई के बदले यूजर चार्ज एवं पानी शुल्क की वसूली पर रोक लगाने का प्रस्ताव पारित होने के बाद नगर आयुक्त ने महापौर को यह पत्र लिखा है। नगर आयुक्त के इस पत्र से नगर निगम में महापौर एवं नगर आयुक्त के बीच रा’र और बढ़ गई है।

महापौर को लिखे पत्र में नगर आयुक्त ने कहा है कि निगम क्षेत्र में बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 342 के अंतर्गत निगम क्षेत्र के व्यवसायियों से ट्रेड लाइसेंस शुल्क वर्ष 2017 से लिया जा रहा है।

 

वहीं नगर विकास व आवास विभाग के आदेश एवं निगम बोर्ड द्वारा लिए गए निर्णय के आलोक में ठोस अपशिष्ट शुल्क तथा पेयजल शुल्क की वसूली बिहार नगरपालिका अधिनियम की धा’राओं के अंतर्गत किया जा रहा है, लेकिन महापौर द्वारा होल्डिंग स्वामियों एवं व्यवसायियों को शुल्क जमा किए जाने से मना किया जा रहा है।

इससे निगम राजस्व को क्षति पहुंच रही है। नगर आयुक्त ने अपने पत्र में कहा है कि तहसीलदारों द्वारा जानकारी दी जा रही है समाचार पत्रों में यूजर चार्ज नहीं लेने के उनके बयान से वसूली बाधित हो रही है। नगर आयुक्त ने राजस्व वसूली में बा’धा नहीं पहुंचाने के लिए महापौर को आग्रह किया। साथ ही कहा है कि यदि महापौर को वसूली पर आपत्ति है तो वे सरकार से पत्राचार कर सकते हैं। नगर आयुक्त ने महापौर से आग्रह किया है कि वे सरकार के निर्देश के वि’परीत आमजन को व्यक्तिगत रूप से कर भुगतान के लिए मना नहीं कर सकते।

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