चार हजार से अधिक दिव्यांगों को मिली विशिष्ट पहचान

समस्तीपुर। दिव्यांगों के लिए कई प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जा रही है। केंद्र सरकार दिव्यांग के सशक्तिकरण विभाग द्वारा दिव्यांगों को यूनिक दिव्यांगता आईडी कार्ड और दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करती है। डीएम योगेंद्र सिंह के विशेष रूचि के कारण सूबे में समस्तीपुर जिला यूडीआईडी कार्ड जारी कर तीसरा स्थान बनाया है।

अब पहले पायदान पर आने के लिए मशक्कत की जा रही है। जिले में दिव्यांग कार्यालय द्वारा कुल 4286 यूडीआईडी कार्ड जारी किया गया है। वहीं, जिले में अब तक कुल 3137 दिव्यांगों ने प्रमाण पत्र के लिए नया आवेदन किया है। इसमें से 535 यूडीआईडी कार्ड जारी किया गया। जबकि, चार दिव्यांगों का आवेदन त्रुटिपूर्ण रहने की वजह से रद कर दिया गया।

सिविल सर्जन डा. एसके चौधरी ने बताया कि इस कार्ड के द्वारा सभी दिव्यांगों को एक विशिष्ट पहचान दी जाती है और इसके द्वारा सभी को एक यूडीआईडी नंबर दिया जा रहा है। दिव्यांगों को प्रमाण पत्र लेकर घूमने की कोई जरूरत नहीं है। इस स्मार्ट कार्ड में ही दिव्यांग से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध रहती है और यह जानकारी ऑनलाइन रहती है। इससे सभी दिव्यांग सभी प्रकार की सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं।

यूनिक आईडी होने से दिव्यांग सरकार से मिल रही सुविधाओं और रियायतों का लाभ उठा सकते हैं। स्वावलंबन के ऑनलाइन पोर्टल पर दिव्यांग ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन करने के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाती है। सदर अस्पताल स्थित दिव्यांग कार्यालय में कुल 9469 आवेदकों ने यूडीआईडी कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। इनमें से रविवार तक 4286 दिव्यांगों को यूडीआईडी कार्ड जारी कर दिया गया।

वहीं प्राप्त आवेदनों में से कुल 1382 आवेदन त्रुटिपूर्ण रहने के कारण अस्वीकृत किया गया। सीएस ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा इस मामले में विशेष रुचि ली गयी, जिसका प्रतिफल है कि आज जिला बिहार राज्य में पांचवें पायदान पर है। समस्तीपुर प्रमंडल में पहले स्थान पर है। कोशिश है कि जल्द ही बिहार में सबसे अधिक यूडीआईडी कार्ड बनाने वाला प्रथम जिला बन जाएगा।

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