रोहतास में कुछ दिन पहले ईंट-भट्ठे से एक मजदूर का कुमार सानू का गाना गाते वीडियो सामने आया था। इसके बाद ये वीडियो खूब वायरल भी हुआ। सच तो ये है की राजेश की मां विंध्याचली देवी सरकारी शिक्षिका थीं अब वो रिटायर्ड हैं।

उनके पिता दिनेश सिंह उर्फ दीनानाथ वर्तमान में करगहर के पास एक सरकारी विद्यालय में शिक्षक हैं। वो प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है और डेढ़ लाख की बाइक से घूमते हैं।

राकेश रंजन नटवर थाना क्षेत्र के सरांव पंचायत के मुसीबत गांव में रहते हैं। उनके पास डेढ़ करोड़ का घर है और पुश्तैनी जमीन भी है। राकेश पूरे परिवार के साथ बिक्रमगंज स्थित अपने आलीशान मकान में रहते हैं। राकेश रंजन का मकान देखकर ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि वह मकान किसी ईंट भट्ठे पर काम करने वाले मजदूर का है।

राजेश ने बताया कि उनकी मां रिटायर्ड टीचर हैं। पिता अभी भी शिक्षक हैं। कुछ दिन पहले ही उनकी शादी हुई है। गांव में उनके पास घर और जमीन सब कुछ है। उन्होंने बताया कि वो ग्रेजुएट हैं। सारी प्रॉपर्टी उनके माता-पिता की है।

खुद को एक असफल इंसान बताते हुए उन्होंने कहा कि ग्रेजुएट होने के बाद नौकरी ढूंढी, लेकिन नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने गोल गप्पे की दुकान खोली। वो भी नहीं चली। इसके बाद ईंट भट्ठे पर मुंशी का काम करने लगे। इसी भट्ठे से राजेश का गाना गाते वीडियो सामने आया था। राजेश यहां सिर्फ 15 दिनों से काम कर रहे थे।

भट्टा मालिक ने बताया कि राजेश उनके यहां पिछले 15-20 दिन से मुंशी का काम कर रहे हैं। वो बेरोजगार थे। नौकरी के लिए पेरशान थे। वो एक कलाकार हैं। प्लेटफॉर्म नहीं मिल पा रहा था। इसके लिए उन्होंने ऐसा किया। उन्होंने कहा कि आजकल ये ट्रेंड में है। इससे इंसान को जल्दी प्लेटफॉर्म मिल जाता है।

लोगों का कहना है कि बड़ा सिंगर बनने की चाह में कुछ साल पहले राजेश ने गोलगप्पा बेचते हुए गाना गाकर फेमस होने की कोशिश की थी। लेकिन वो फेमस नहीं हो पाया। इसके बाद उसने ईंट भट्ठे पर गाना गाकर फेमस होने की कोशिश की।