वाल्मीकिनगर से 2. 67 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज:गंडक नदी में कटाव शुरू, ग्रामीणों की बढ़ी चिंता

वाल्मीकिनगर बराज से पानी छोड़े जाने का सीधा असर अब सारण पर भी दिखाना शुरू हो गया है। गुरुवार देर रात से नदियों के जलस्तर में वृद्धि के साथ नदी ने तेजी से कटाव करना शुरू कर दिया है। बढ़ते पानी के बहाव और दबाव से नदी किनारे लगातार कटाव होना शुरू हो गया है। सारण जिला के पानापुर और मकेर प्रखंड में गंडक नदी के किनारे ज्यादा तेजी से कटाव हो रहा है। गुरुवार को वाल्मीकिनगर से 2 लाख 67 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया है।

पानापुर में नदी ने कई बीघा जमीन को अपने अंदर समाहित कर लिया है। लगातार हो रहे कटाव से लोग भयभीत है। नेपाल में लगातार हो रही बारिश से बैराज में बढ़ते दबाव के चलते पानी छोड़ा जा रहा है। जिसका सीधे प्रभाव गंडक के तटीय क्षेत्रों पर पड़ रहा है। बढ़ते जल स्तर ने नदी किनारे लोगो में हलचल पैदा कर दिया है।

गंडक नदी में बढ़ते जल दबाव का सबसे ज्यादा असर पानापुर प्रखंड में देखने को मिल रहा है। पानापुर प्रखंड के वृत भगवानपुर पंचायत में नदी का कटाव शुरू हो गया है। बांध वे निचले हिस्से में पानी के दबाव से अब तक कई बीघा जमीन नदी में समा गये हैं।

बढ़ते कटाव को देखते हुए लोग भयभीत है। पिछले वर्ष नदी ने अपना रौद्र रूप धारण करते हुए पानापुर में जमकर तांडव मचाया था। पानापुर प्रखंड के बसाहिया पंचायत, सतजोड़ा पंचायत और चकिया पंचायत में जोरो पर कटाव हुआ था। कटाव में सैकड़ों विघा जमीन के साथ सैकड़ों कच्चा और पक्का मकान नदी में समा गए थे।

बाढ़ के आशंका को देखते हुए लोग जिला प्रशासन के संपर्क में है। समय रहते बाढ़ और कटाव पर नियंत्रण नहीं किया गया तो बरसात के महीने में नदी और तांडव रूप अख्तियार करेगी। लोगों का आरोप है कि विभागीय अधिकारी सिर्फ डाटा का खेल खेलते है। जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और है।

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