मोतिहारी में 20 फीट ऊंचा 5 लाख रुद्राक्ष से बने शिवलिंग की स्थापना की गई है। माना जा रहा है कि यह विश्व का पहला इतना ऊंचा शिवलिंग है जो कि रुद्राक्ष से बना है। इसे बनाने में 5 लाख पंचमुखी रुद्राक्ष का इस्तेमाल किया गया है।

साथ ही सोने की परत भी चढ़ाई गई। इस अनोखे शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। यह शिवलिंग इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।

इस शिवलिंग को राधाकृष्ण सेवा संस्थान के अध्यक्ष आचार्य डॉ शंभू नाथ सिकरिया ने मनोकामना सिद्ध हनुमान आश्रम के प्रांगण सिकरीया बीएड कॉलेज राधानगर में स्थापित करवाया। उनका दावा है कि सपने में महादेव ने आकर उन्हें मंदिर बनवाने का निर्देश दिया।

सपने में जैसा मंदिर उन्होंने देखा, वैसा ही बनवाया। शुक्रवार को रुद्राभिषेक से सुमेरू पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने किया।

जगतगुरु शंकराचार्य ने बताया कि साक्षात शिव के नेत्र से उत्पन्न पांच लाख रुद्राक्ष से निर्मित शिवलिंग है। जिसके ऊपर में शिव का मस्तक है जिसे हम त्रिवेणी कहेंगे। जहां शिवलिंग रुद्राक्ष का होता है वहां दरिद्रता नहीं होती। लक्ष्मी का वास होता है।

गुजरात में 11 फीट का शिवलिंग
जगतगुरु शंकराचार्य ने बताया कि पूर्व में गुजरात में 11 फीट का रुद्राक्ष का शिवलिंग लगा था। जबकि मोतिहारी में 20 फीट का शिवलिंग लगा है। जो संसार का सबसे ऊंचा रुद्राक्ष का शिवलिंग है। इसकी स्थापना देश-विदेश में शांति स्थापित करने एवं जग के कल्याण के लिए की गई है। रुद्राभिषेक के दौरान 200 से अधिक लोगों ने भगवान शंकर को जल अर्पित किया। शंकराचार्य ने सभी भक्तों को एक-एक रुद्राक्ष दिया।
