कटिहार के एक निजी क्लीनिक में गुरुवार को मरीज ने जमकर बवाल किया। इस दौरान मरीज के परिजनों ने वहां तैनात डॉक्टर के साथ जमकर मारपीट की। दरअसल, परिजन मरीज के बच्चे की मौत को लेकर आक्रोशित थे। वहीं, बवाल के दौरान परिजनों ने क्लीनिक में तोड़फोड़ भी की। इधर, नगर थाना पुलिस सामने मौजूद रह कर भी मूक दर्शक बने रहे।

मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार सुबह स्वेता कुमारी अपने पति के साथ डॉ लक्ष्मी सेन के क्लीनिक में बच्चे की डिलीवरी कराने आई थी। जहां इलाज के नाम पर अस्पताल प्रशासन ने महिला से 50 हजार रुपए लिए। लेकिन इलाज में लापरवाही के कारण बच्चे की मौत हो गई। जिसके बाद परिजन काफी उग्र हो गए और हंगामा करने लगे।

घटना के बारे में पीड़ित विशाल कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी जब से प्रेग्नेंट हुई थी तब से वह डॉक्टर लक्ष्मी सेन को ही दिखा रही थी। आज उनकी पत्नी का डिलीवरी का समय हो गया और उनके द्वारा डॉ लक्ष्मी सेन के क्लीनिक में डिलीवरी के लिए पत्नी को भर्ती कराया। जहां इलाज में लापरवाही बरतने के कारण बच्चे की मौत हो गई। इस दौरान हम बाहर इंतजार कर रहे थे। काफी पूछताछ करने पर भी डॉक्टर के द्वारा घटना के बारे में बताया नहीं गया। बाद में परिजन खुद ऑपरेशन थिएटर में चले गए। जहां परिजनों ने बच्चे को मृत देखा।

वहीं, इसके पश्चात परिजनों का गुस्सा सातवें आसमान में पहुंच गया। परिजन और उनके सहयोगी नर्सिंग होम में जमकर बवाल काटा शुरू कर दिया। जो भी यहां समझाने की कोशिश करते उन्हें परिजन मारने पीटने लगे।

खास बात यह रही कि हंगामा होने से पहले ही क्लीनिक की ओर से प्रशासन को फोन कर दिया गया था। वहीं प्रशासन भी सूचना मिलते ही समय पर पहुंच गए थे। लेकिन हंगामा और मारपीट को देखकर प्रशासन मूकदर्शक बने रहे। उनकी ओर से कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही थी। इधर परिजनों का मान था कि इस क्लीनिक को हमेशा के लिए बंद कर दिया जाए।

इस मामले में डॉ लक्ष्मी सिंह ने बताया कि प्रसूता मरीज उन्हीं के यहां दिखाते थे। लेकिन पिछले कई महीनों से उन्होंने कोई जांच नहीं करवाया और डायरेक्ट आज सुबह पेशेंट को उनके क्लीनिक में एडमिट करा दिया गया। जहां उन्होंने बताया कि बच्चा पेट में उलट गया है और उसकी पेट में ही बच्चे की मौत हो गई। बच्चे को बाहर निकाला गया था तो बच्चा मृत हालत में पड़ा हुआ था।
