संसद की नई बिल्डिंग पर 6.5 मीटर ऊंचा अशोक स्तंभ:कांसे की प्रतिमा का वजन 9500 KG

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह नए संसद भवन की छत पर अशोक स्तंभ की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। यह प्रतिमा 6.5 मीटर ऊंची और 9500 किलो वजन की है। इसे सपोर्ट करने के लिए स्टील का लगभग 6500 किलोग्राम वजनी सिस्टम भी बनाया गया है।

अशोक स्तंभ के अनावरण के बाद पीएम मोदी ने प्रतिमा के साथ फोटो भी खिंचवाई।

अशोक स्तंभ भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है। इस दौरान उन्होंने नई संसद के काम में लगे वर्कर्स से बातचीत भी की। पीएम के साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी भी मौजूद थे। हाल ही में हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत विजय चौक से इंडिया गेट तक का काम 18 जुलाई तक पूरा हो जाएगा।

विपक्ष ने खड़े किए सवाल

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने नए संसद भवन परिसर में राष्ट्रीय प्रतीक के अनावरण को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं। माकपा ने कहा कि ऐसे प्रतिष्ठानों को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। यह हर किसी का प्रतीक है, न कि उनका, जिनकी कुछ धार्मिक मान्यताएं हैं। धर्म को राष्ट्रीय समारोहों से दूर रखें।

वहीं AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी ने राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण करके गलत किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि संविधान- संसद, सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों को अलग करता है। सरकार के प्रमुख के नाते संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था।

जानिए क्या है अशोक स्तंभ?
मौर्य वंश के तीसरे शासक सम्राट अशोक प्राचीन काल में भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे शक्तिशाली राजाओं में से एक थे। उन्होंने 273 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व तक भारत में शासन किया।

अशोक ने देश के कई हिस्सों में स्तूप और स्तंभ बनवाए। इनमें से एक स्तंभ जो सारनाथ में स्थित है, उसे अशोक स्तंभ कहा जाता है, इसे ही भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में आजादी के बाद अपनाया गया है।

सेंट्रल विस्टा मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसका सेंट्रल एवेन्यू 80 फीसदी बनकर तैयार हो चुका है। इसे बनवाने के लिए पहले करीब 971 करोड़ रुपए के खर्च का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब यह खर्च 29 फीसदी बढ़कर 1250 करोड़ से अधिक हो सकता है।

सरकार ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पूरे होने की डेडलाइन अक्टूबर 2022 रखी है। सरकार चाहती है कि नए संसद भवन में शीतकालीन सत्र आयोजित किया जाए। इसमें संसद भवन समेत केंद्र सरकार से जुड़े सभी दफ्तर शामिल हैं।

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