नवादा जिले के सबसे बड़े सदर अस्पताल में पेयजल का घोर संकट है। एक अदद चापाकल भी नहीं है। भीषण गर्मी के बीच इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीज व उनके परिजनों को पानी के लिए इधर-उधर भटकने की मजबूरी है।कहीं व्यवस्था नहीं देख लोग बाजार से 20 रुपये बोतल पानी खरीद कर ला रहे और अपनी प्यास बुझा रहे हैं।

इस व्यवस्था के खिलाफ लोगों में काफी नाराजगी है, लेकिन मरीजों व उनके परिजनों की यह परेशानी अधिकारियों को नहीं दिख रही।20 रुपये बोतल पानी खरीद कर लाना सदर अस्पताल पहुंचने वाले गरीब मरीजों के लिए उनकी पॉकेट पर अलग से आर्थिक दबाव के समान है। वैसे तो सदर अस्पताल में मोटर और पानी टंकी लगा है। लेकिन बिजली की समस्या से हर समय उस प्वाईंट पर भी पानी नहीं मिलता है।

फलस्वरुप लोगों को शौच जाने वक्त भी पानी खरीद कर लाना पड़ रहा। बीमारी की वजह से बार-बार शौचालय जाने की नौबत थी। लेकिन रात में शौचालय में पानी नहीं था। परिवार वालों ने पानी खरीद कर लाया तो शौच करने गए।इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंचने वाले कई मरीजों व उनके परिजनों ने बताया कि बाजार से पानी खरीद कर लाना पड़ रहा है।अस्पताल परिसर में लगा एक वाटर कूलर भी सही से कारगर नहीं है।उससे बूंद-बूंद पानी निकलता हैऔर एक लीटर के बोतल में पानी भरने में दस मिनट से अधिक का समय लग जाता है। बता दें कि वाटर कूलर की सुविधा भी एक समाजसेवी की तरफ से उपलब्ध कराया गया है।

अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे मरीज व उनके परिजनों ने बताया कि पानी की घोर किल्लत है।सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. अजय कुमार ने बताया कि अप्रैल महीने में पीएचईडी विभाग से पत्राचार किया गया था। मरीजों व उनके परिजनों की परेशानी को देखते हुए अस्पताल परिसर में कम से कम चार चापाकल लगाने का अनुरोध किया गया था।लेकिन आजतक चापाकल नहीं लगाया जा सका है। बिजली की समस्या के कारण पेयजल आपूर्ति में परेशानी आती है।लेकिन विद्युत आपूर्ति के दौरान पानी उपलब्ध करा दिया जाता है।



