राष्ट्रपति शपथग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे CM नीतीश, पहले भी दो कार्यक्रमों का निमंत्रण ठु’कराया

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मन में इनदिनों क्या चल रहा है, पुख्ता तौर पर तो वही बता सकते है। लेकिन, इन दिनों जिस रणनीति के तहत वो चल रहे है उसमें केंद्रीय BJP या फिर केंद्र की सरकार नहीं हैं। दरअसल, हाल के दिनों में नीतीश कुमार ने BJP द्वारा आयोजित कई कार्यक्रमों से अपने आप को अलग रखा हुआ है। अब बिहार के मुख्यमंत्री राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भी हिस्सा नहीं लेंगे।

CM नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया था।

JDU की तरफ से कहा गया है कि नीतीश कुमार मनरेगा को लेकर आयोजित बैठक में हिस्सा लेने के कारण इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार समय समय पर विभागों और योजनाओं की समीक्षा करते रहे हैं। लेकिन, जिस मन से उन्होंने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया था उस मन से उनके शपथग्रहण में शामिल नहीं हो रहे हैं। आज द्रौपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगी।

रामनाथ कोविंद के विदाई में भी नही गए नीतीश कुमार

ये पहली बार नही जब CM नीतीश कुमार ने दिल्ली से अपनी दूरी बनाई हुई है। इससे पहले 17 जुलाई को उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई मुख्यमंत्रियों की एक बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था। राष्ट्रीय ध्वज से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में BJP कोटे से उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद बिहार से हिस्सा लेने पहुंचे थे। वहीं, पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की विदाई के सम्मान में PM नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित रात्रिभोज में भी नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए थे। उस समय नीतीश कुमार ने विधान परिषद के सात नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ समारोह का हवाला देते हुए अपने आप को उस कार्यक्रम से अलग रखा था।

विधानसभा के कार्यक्रम के बाद से हैं नाराज CM

भले नीतीश कुमार ने NDA समर्थित राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दे दिया हो, वो उनकी रणनीति का हिस्सा था। लेकिन, अब नीतीश कुमार ने BJP से दूरी बनानी शुरू कर दी है। बात उस समय से शुरु हुई जब PM नरेंद्र मोदी विधानसभा के कार्यक्रम में आए थे। उस कार्यक्रम में स्मारिका का विमोचन किया गया, लेकिन उस स्मारिका CM नीतीश कुमार की तस्वीर नहीं थी। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने पांच के CM नीतीश कुमार की कोई चर्चा तक नहीं की।

BJP का सवाल उठाना भी CM को रास नही आ रहा

इधर, केंद्रीय योजना अग्निवीर को लेकर भी BJP और JDU के बीच तल्खियां बढी है। BJP प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सरकार पर सवाल उठाते हुए अग्निवीर के लिए हो रहे हंगामे को शांत कराने में सरकार को असफल बताया था। हाल में, JDU के वरिष्ठ मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने साफ कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के बाद कोई कॉडिनेशन NDA में नही है। सहयोगी दल विपक्ष की तरह सवाल उठाते हैं जो बिल्कुल गलत है। ऐसे में, CM नीतीश कुमार पूरी तरह से BJP के क्रियाकलापों से नाराज चल रहे हैं और इसीलिए उन्होंने दिल्ली से दूरी बनाई है।

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