फ’र्जी टीईटी सर्टिफिकेट के आधार पर 10 वर्षों से अधिक समय से नौकरी कर रहे नियोजित शिक्षकों पर अब ब’र्खास्तगी की प्रक्रिया भी होगी। निगरानी विभाग की ओर से जांच रिपोर्ट दिए जाने के बाद जिला शिक्षा विभाग की ओर से उन पर कार्रवाई करते हुए वेतन रिकवरी की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
मामले को लेकर डीईओ अजय कुमार सिंह ने बताया कि निगरानी विभाग की ओर से प्राथमिकी की कॉपी अब तक जिला शिक्षा विभाग को नहीं मिली है। इसी आधार पर कार्रवाई की प्रक्रिया होनी है।
बताया जा रहा है कि अब भी जिले में कई फर्जी शिक्षक जाली प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। पिछले वर्षों में नियोजन के दौरान चयनित शिक्षकों के तमाम सर्टिफिकेट की जांच प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है। शुरूआत में निगरानी विभाग को फोल्ड उपलब्ध ही नहीं हुआ। इसके बाद मांगे जाने पर फोल्डर मिला भी तो वह आधा अधूरा था।


