बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर ‘चावल चोरी’ का आरोप, कैमूर के रामगढ़ थाना में दर्ज है केस

पटना:  बिहार में जब से महागठबंधन की सरकार बनी है तभी से अलग-अलग मंत्रियों को लेकर नई-नई बातें सामने आ रही हैं. कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार पर अपहरण का मुकदमा है तो कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर धान चोरी (चावल चोरी) का केस का मामला भी सुर्खियों में आ गया है.

बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह भी आरोपों के घेरे में.

हालांकि सुधाकर सिंह अपने ऊपर लगे आरोप को गलत बता रहे हैं. सुधाकर सिंह के मुताबिक; इस मामले को लेकर इन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाते हुए सरकार को धान लेने की अपील कर रहे हैं; मगर तब तो सरकार ले नहीं रही थी और अब चावल चोर बता रही है.क्या है पूरा मामला- दरअसल, एसएफसी ने साल 2013 में रामगढ़ थाने में गबन को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई है. सुधाकर सिंह पर रामगढ़ थाने में दर्ज कांड संख्या 184/13 के अनुसार; धान मिलिंग के लिए जो मिल रजिस्टर्ड कराया गया था उसमें सोन वैली राइस मिल और सुधाकर राइस मिल शामिल है.

एसएफसी कैमूर से मिली जानकारी के मुताबिक सुधाकर राइस मिल सहूका में 365.30 मीट्रिक टन सीएमआर बकाया था; जिसकी कीमत 69 लाख 52 हजार 133 रुपये थी. जिसमें विभाग द्वारा 10 लाख 50 हजार रुपए की रिकवरी की गई और अभी भी उनके ऊपर 59 लाख 2 हजार 133 रुपए का सरकार का बकाया है. इसको लेकर एसएफसी द्वारा 35/2012-13 में नीलाम वाद दायर किया गया था. जिसके बाद रामगढ़ थाना में 184/13 कांड संख्या अंकित किया गया था.

इसी तरह से उनके द्वारा दूसरा फॉर्म रजिस्टर्ड कराया गया जो सोन वैली राइस मिल सहूका के नाम से था. इसमें सीएमआर 2424.91 मीट्रिक टन लौटाना था. जिसकी कीमत चार करोड़ 61 लाख 49 हजार 132 रुपए था.

जिसमें प्रशासन 50 लाख 50 हजार रुपए ही रिकवर कर पाई. इसमें भी सरकार का सुधाकर सिंह के सोन वैली राइस मिल सहुका के ऊपर चार करोड़ 10 लाख 99 हजार 132 रुपये बकाया है. इसको लेकर 36/2012-13 में नीलाम पत्र वाद किया गया था और इस मामले में भी रामगढ़ थाने में 184/13 कांड अंकित किया गया था. जिसको लेकर विपक्ष लगातार मोर्चा खोले हुए है.

चावल (धान) गबन के आरोपी सुधाकर सिंह जो सोन वैली राइस मिल सहूका और सुधाकर राइस मिल सहूका के प्रोपराइटर हैं. उनको राजद कोटे से कृषि मंत्री बना देने से सियासी गलियारे में चर्चा तेज है. एसएफसी के कैमूर डीएम बताते हैं सत्र 11-12 में कुल 68 प्राथमिकी चावल घोटाले को लेकर जिले के विभिन्न थानों में अलग-अलग लोगों पर दर्ज करायी गयी थी, जिसमें सरकार का लगभग 76 करोड़ रुपए बकाया है.

हालांकि अब जब यह मामला एक बार फिर से सुर्खियों में आया है; तब सुधाकर सिंह कहते हैं कि वो तो अभी भी पूरी राशि लौटने को तैयार हैं, मगर एफएससी पैसा ले तो.

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