पटना। सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों गि’रफ्तार लालू प्रसाद के बेहद खास भोला यादव की गि’रफ्तारी के बाद सीबीआई ने उनसे पू’छताछ की थी। बताया जा रहा है कि भोला यादव से मिले सु’राग के आधार पर ही सीबीआई ने लालू प्रसाद के करीबी राजद नेताओं के ठि’कानों पर छा’पेमारी की है। दरअसल जिन नेताओं के यहां सीबीआई ने धा’वा बोला है वे आर्थिक मोर्चे पर बेहद म’जबूत हैं और राजद सुप्रीमो के बेहद करीबी भी माने जाते हैं।
जमीन लेकर रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी देने के मामले में आ’रोपी पूर्व रेलमंत्री व राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के बेहद क’रीबी भोला यादव को सी’बीआई ने 27 जुलाई को दिल्ली में गि’रफ्तार किया था। वर्ष 2004 से 2009 तक जब लालू रेलमंत्री थे भोला यादव उनके ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) थे। भोला यादव के अलावा सीबीआई ने कथित तौर पर जमीन देकर नौकरी पाने वाले हृदयानंद चौधरी को भी गि’रफ्तार किया था।
सीबीआई के अनुसार लालू प्रसाद पर आ’रोप है कि वर्ष 2004 से 2009 के बीच जब वे रेलमंत्री थे तब उन्होंने रेलवे के ग्रुप डी में नौकरी देने के एवज में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन व प्रोपर्टी ट्रांसफर कराकर आर्थिक लाभ उठाया। आ’रोप है कि बहाली के लिए कोई भी विज्ञापन या पब्लिक नोटिस नहीं जारी किया गया।
पटना के रहने वाले लोगों को अलग-अलग जोन में नौकरी दी गई। आरोप यह भी है कि इस मोडस ऑपरेंडी की जरिए लालू परिवार ने पटना 105292 वर्ग फुट जमीन पटना में हासिल किया है। यह प्रोपर्टी पांच सेल डीड और दो गिफ्ट डीड के जरिए हासिल की गई। आ’रोप यह भी है कि अधिकतर जमीन को कैश लेकर लेकर ट्रांसफर किया गया।
जांच में यह बात भी सामने आई है कि नौकरी पाने वालों ने आवेदन में सेंट्रल रेलवे,मुंबई का जिक्र नहीं किया था। इतना ही नहीं आवेदन में सेट्रल रेलवे मुंबई के जीएम का पूरा पता भी नहीं दिया गया था। इसके बावजूद सेंट्रल रेलवे ने इन आवेदनों को प्रोसेस किया।
आवेदन के तीन दिनों के भीतर नियुक्ति भी कर ली गई। इसी तरह वेस्ट सेंट्रल रेलवे जबलपुर, वेस्टर्न रेलवे मुंबई में आवेदनकर्ताओं के बिना पूरा पता के ही आवेदनों को एप्रूव कर नियुक्ति कर दी गई।
