पिता ने बेटे-बहू को लाठी-डंडे से पी’टा:जमीन बेचकर आए पैसे में बड़े बेटे को नहीं मिली हि’स्सेदारी, वि’रोध किया तो पी’ट-पी’टकर किया घा’यल

भोजपुर में एक पिता ने अपने ही बेटे और बहू पर हमला कर दिया। पिता ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर दोनों को बुरी तरह घायल कर दिया। जिसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से दोनों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। मिली जानकारी के अनुसार, पिता ने कुछ दिनों पहले अपने हिस्से की जमीन को बेच दिया था। जिसके बाद उन्होंने पैसे का आधा हिस्सा अपने छोटे बेटे को दे दिया और बाकि का आधा खुद के पास रख लिया। ऐसे में जब बड़ा बेटा भी अपना हिस्सा मांगने गया तो पिता आक्रोशित हो गए और लाठी-डंडे से हमला कर बेटे और बहू को घायल कर दिया।

बिहार | Bihar - Dainik Bhaskar

मुफस्सिल थाना क्षेत्र के जमीरा गांव में जमीन विवाद में दो लोगों की जमकर पिटाई कर दी गई। इस घटना में दोनों पति-पत्नी जख्मी हो गए। जिसके बाद दोनों दंपत्ति अपना इलाज कराने आरा सदर अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टर ने दोनों का इलाज किया। जख्मियों में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के जमीरा गांव के वार्ड नंबर-7 के निवासी श्रीभगवान राय के 31 वर्षीय पुत्र निरंजन राय और निरंजन राय की 28 वर्षीय पत्नी सोनी देवी है।

जख्मी सोनी देवी ने बताया कि मेरे ससुर द्वारा दो कट्ठा जमीन बेच दिया गया। बेचने के बाद मेरे ससुर को चौदह लाख रुपया मिला है। जिसमें से उन्होंने आधा से अधिक पैसा मेरे देवर राजू राय को दे दिए और कुछ पैसा खुद के पास रखे हुए है। जब मैं इस बात को लेकर अपने ससुर के पास गई तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैं एक रुपया तुम लोग को नहीं दूंगा। तो मैंने कहा कि क्यों मेरे पति (निरंजन राय) आपके बेटे नहीं है, तो मेरे ससुर ने कहा नहीं निरंजन मेरा बेटा नहीं है।

इसी बात को लेकर हम दोनों पति-पत्नी सरपंच के पास पंचायती के लिए गए हुए थे, जब पंचायती कर लौटने लगे तो मेरे ससुर श्रीभगवान राय, मेरे देवर राजू राय और उसकी पत्नी रिंकू देवी द्वारा मुझे ईंट और लाठी डंडे से मारा गया। देवर ने मेरे चेहरे पर लाठी से मारा है, जिससे मेरे चेहरे पर गंभीर जख्म हो गए है। जब मेरे पति मुझे बचाने के लिए आए तो मेरे पति को भी उन लोगों ने जमकर पीटा है।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading