बिहार में एक स्कूल ऐसा भी…:बच्चों के साथ शिक्षक और रसोइया के लिए ड्रेस कोड

नालंदा : सरकारी स्कूलों में पढ़ाई न होना, कुव्यवस्था, अनुशासनहीनता की शिकायतें आम है। हर रोज आप ऐसी खबरों से रुबरू होते रहते होंगे। वहीं नालंदा में एक ऐसा स्कूल है, जहां नामांकन के लिए बच्चों में काफी उत्सुकता रहती है। जी हां… नालंदा के रहुई प्रखंड अंतर्गत उच्च माध्यमिक विद्यालय सोसन्दी की तस्वीर और वहां की व्यवस्था देख आपका मन प्रफुल्लित हो उठेगा। यहां वर्ग एक से अष्टम तक कुल 576 बच्चों का नामांकन है। तो वहीं 9वी में 98 एवं दसवीं में 78 बच्चे अध्ययनरत हैं। इसी वर्ष से 11वीं में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई है।

प्रार्थना समेत तमाम चीजें चेतना सत्र में कराई जाती है।

चेतना सत्र का किया जाता है आयोजन

विद्यालय में प्रत्येक दिन चेतना सत्र का आयोजन किया जाता है। इसमें बच्चों को व्यायाम, योगा, देश-विदेश में क्या घटनाएं घट रही है। इसके अलावा बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाता है। प्रार्थना समेत तमाम चीजें चेतना सत्र में कराई जाती है।

क्या बोले प्रिंसिपल

स्कूल के प्रधानाध्यापक मो. निशात आलम ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, प्रदेशिक से संबंधित सारी चीजों से अवगत कराया जाता है। सप्ताह में एक दिन GK का प्रश्न पूछा जाता है चेतना सत्र के माध्यम से बच्चों में राष्ट्रप्रेम,नैतिकता का बोध कराया जाता है। चेतना सत्र विद्यालय के संपूर्ण अवधि का रीढ़ होता है। क्योंकि अगर वर्ग में शिक्षक पढ़ाते हैं तो जिस बार में पढ़ाते हैं केवल उसी वर्ग के बच्चें जानेंगे। लेकिन अगर चेतना सत्र में बात बताई जाती है तो सारे वर्ग के बच्चों को उसकी जानकारी मिलेगी और उससे लाभान्वित होंगे।

ड्रेस कोड की व्यवस्था

स्कूल में ड्रेस कोड की भी व्यवस्था की गई है। सप्ताह में 2 दिन बृहस्पतिवार एवं शनिवार को व्हाइट ड्रेस तो वहीं अन्य दिनों में ब्लू और स्काई कलर की ड्रेस में बच्चे स्कूल आते हैं। ड्रेस कोड केवल बच्चों पर ही लागू नहीं होता है। बल्कि वहां आने वाले शिक्षक एवं रसोईया भी ड्रेस कोड का अनुपालन करते हैं।

लिया जाता है मंथली टेस्ट

इस स्कूल की एक और विशेषता है कि यहां मंथली टेस्ट का आयोजन प्रत्येक वर्ग में किया जाता है। फर्स्ट, सेकंड और थर्ड आने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है। वहीं जिनकी उपस्थिति शत-प्रतिशत रहती है। उन्हें भी पुरस्कृत करने का काम किया जाता है। इससे बच्चों का मनोबल ऊंचा होता है।

आसपास के गांव के बच्चे भी आते है यहां पढ़ने

सोसन्दी स्कूल की व्यवस्था और अनुशासन देख कर आस पास के गांव (चुन्नू चक,चंदवारा) के बच्चें भी अपने गांव में स्कूल रहने के बावजूद पढ़ाई करने के लिए उच्च माध्यमिक विद्यालय सोसन्दी आते हैं। वर्तमान समय में इस स्कूल में दसवीं तक के लिए कुल 15 शिक्षक पदस्थापित हैं जो बच्चों के भविष्य संवारने में जुटे हुए हैं।

अन्य सरकारी स्कूलों को भी इस स्कूल से शिक्षा लेते हुए सीमित संसाधन में कैसे अपने विद्यालय को सजाया संवारा जाए और कैसे बच्चों में अनुशासन लाया जाए और उन्हें एक होनहार इंसान बनाया जाए। इससे सीख ले सकते हैं। बेंच की कमी रहने के बावजूद बच्चे जमीन पर बैठकर काफी लगन से पढ़ाई करते हैं।

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