मुंगेर में गंगा का जलस्तर दिन प्रतिदिन भयावह होती जा रही है। जिस कारण अब बाढ़ ने अब लोगों को डराना शुरू कर दिया है। बाढ़ की स्थिति को देख अब गंगा किनारे बसे ग्रामीण रतजगा कर समय काट रहे हैं। गंगा का जलस्तर रविवार को दोपहर 3 बजे केंद्रीय जल आयोग के अनुसार 38.50 नापा गया। जबकि डेंजर लेवल 39.33 है। इस बीच मुंगेर में गंगा खतरा निशान से मात्र 83 सेंटीमीटर बह रही है।
गंगा के जलस्तर बढ़ने के कारण निचले इलाके के साथ-साथ शहरी क्षेत्र के आसपास जो गांव बसा हुआ है उस गांव में भी अब बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। जिस कारण लोग अब अपने घर द्वार को छोड़कर सुरक्षित स्थान या कहीं उचित स्थान पर शरण लेने लगे हैं। बता दें कि मुंगेर में पिछले 1 सप्ताह से गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है जिस कारण गंगा किनारे बसे गांव सहित जो आसपास का इलाका और दियारा क्षेत्र का 1 दर्जन से अधिक ऐसे गांव हैं जहां की गंगा का पानी प्रवेश कर चुका है।
जबकि सदर प्रखंड के जाफरनगर, कुतलूपुर, टिकारामपुर, तारापुर दियारा, नौवागढ़ी उत्तरी, बरियारपुर, जमालपुर और धरहरा प्रखंड की हेमजापुर पंचायत की गंगा किनारे इलाके में कटाव हो रहा है। यहां बता दें कि, जिले के चार प्रखंड धरहरा, जमालपुर, सदर और बरियारपुर बाढ़ प्रभावित रहता है। चार प्रखंडों की कुल 28 पंचायतों बाढ़ का कहर दिखता है।
दियारा इलाके के कई गांवों में कटाव भी शुरू हो गया है। वर्ष 2021 में जिले ने गंगा ने खूब तबाही मचाई थी। जलस्तर में वृद्धि होने के साथ ही कुतलुपुर पंचायत के बहादुरनगर वार्ड संख्या 17, 18 के बाद अब वार्ड संख्या 03 में कटाव विकराल रूप ले चुका है जहां तेजी से कटाव आरंभ हो गया है। सदर प्रखंड के तौफिर एवं टिका रामपुर गांव में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है।
इधर बाढ़ की स्थिति को देख जिलाधिकारी के अनुसार आपदा की स्थिति में बाढ़ से निपटने को लेकर पूरी तरह से तैयार की गई है। डीएम नवीन कुमार ने बताया कि अगर ग्रामीण क्षेत्र में गंगा का पानी प्रवेश कर जाता है तो ग्रामीणों के आवागमन के लिए नाव की व्यवस्था की गई है इसके अलावा अन्य कई तरह की तैयारियां की गई है।
