एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के बैंक अकाउंट और लॉकर्स फ्रीज:किशनगंज के ठिकानों से बरामद करोड़ों रुपए लाए गए पटना, दोबारा गिनती के बाद बैंक में हुआ जमा

पटना। ग्रामीण कार्य विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर संजय कुमार राय अपने बैंक अकाउंट और लॉकर का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। क्योंकि, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने इनके बैंक अकाउंट और लॉकर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। दोनों को ही फ्रिज करवा दिया है। 27 अगस्त निगरानी की टीम ने आय से अधिक संपत्ति के केस में कार्रवाई करते हुए एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पटना और किशनगंज के कुल 5 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दरम्यान संजय कुमार राय और उनकी पत्नी उषा के नाम से कुल 5 बैंक अकाउंट में 32 लाख रुपए जमा हैं।

27 अगस्त को एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पटना स्थित घर से बरामद कैश की फोटो। - Dainik Bhaskar

इसमें HDFC बैंक में 6.15 लाख, SBI के अकाउंट में 8 लाख, बैंक ऑफ महाराष्ट्र में पत्नी के साथ ज्वाइंट अकाउंट में 3.35 लाख, पत्नी उषा राय के नाम से इंडियन बैंक के 5 लाख और SBI के अकाउंट में 9.50 लाख रुपए जमा होने के सबूत मिले थे। वहीं, HDFC बैंक में लॉकर का पता चला था। अब इन रुपयों का इस्तेमाल फिलहाल एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और उनकी पत्नी नहीं कर सकेंगी।

इसी तरह किशनगंज के ऑफिस में पोस्टेड इनके लेखा लिपिक खुर्रम सुल्तान के पटना में इंद्रपुरी स्थित फ्लैट पर हुई छापेमारी के दरम्यान केनरा बैंक और पंजाब नेशनल बैंक के3 अकाउंट को फ्रिज करवा दिया गया है। दोनों बैंक के अकाउंट में कितना जमा है, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है।

27 अगस्त को पटना से किशनगंज तक की छापेमारी में कुल 5 करोड़ 32 लाख 38 हजार रुपए कैश बरामद किए गए थे। इसमें 4 करोड़ 36 लाख 38 हजार रुपया एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और 96 लाख रुपया खुर्रम सुल्तान के ठिकाने से बरामद किए गए थे। उस दिन किशनगंज में कार्रवाई के दरम्यान निगरानी के 4 डीएसपी समेत 13 लोगों की टीम थी।

सुरक्षा के लिए साथ में जिला पुलिस की 2 सेक्शन फोर्स थी। निगरानी मुख्यालय के अनुसार किशनगंज से बरामद करोड़ों रुपए के कैश को बक्सा में सील किया गया था। फिर पुलिस की कड़ी सुरक्षा में पटना लाया गया। इस बीच रास्ते में पड़ने वाली हर थाना की एक टीम ने एस्कॉर्ट किया और सुरक्षित तरीके से अपने एरिया को पार कराया। तब शनिवार की देर रात कैश पटना मुख्यालय पहुंचा। बीच में रविवार को बैंक की छुट्टी थी। फिर सोमवार को कैश से भरे बक्से को बैंक ले जाया गया। कई घंटे तक मशीन से रुपयों की दोबारा काउंटिंग हुई। इसके बाद सरकारी अकाउंट में उसे जमा कराया गया। दूसरी तरफ संजय कुमार राय और खुर्रम सुल्तान ने छापेमारी के दरम्यान हुए पूछताछ में निगरानी के अफसरों के सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दिया था। इस कारण अब निगरानी की तरफ से इन्हें एक नोटिस भेजा जाएगा। इसमें कई सवाल भी होंगे। मुख्यालय के अधिकारी के अनुसार इन्हें बताना होगा कि करोड़ों रुपए आए कहाँ से? इनका सोर्स क्या है?

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